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घर की छत पर सब्जी उगाकर यह इंजीनियर कर रहा इतने रुपए की बचत, बेहद आसान है तरीका

डॉक्टर से ऑर्गेनिक सब्जी और आनाज खाने की सलाह के बाद नोएडा के एकइंजीनियर विशाल गौर ने अपने घर की छत पर सब्जियां उगानी शुरू कर दी. गौर बताते हैं कि सालों से कभी घर के बाहर से सब्जी लेने की जरूरत नहीं पड़ती. अब तो ब्लड प्रेशर की दवाइयां भी बंद हो गई है. आइए जानते हैं पूरी कहानी.

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Edited By: Purushottam Kumar
Noida Story

हाइलाइट्स

  • डॉक्टर ने दी थी ऑर्गेनिक सब्जी और आनाज खाने की सलाह
  • अपने घर की छत पर सीजनल सब्जियां उगाते हैं विशाल गौर

आदित्य कुमार/नोएडा: सेक्टर 122 में रहने वाले विशाल गौर इंजीनियर हैं. पिछले कई सालों से बाजार की सब्जियां खाकर उनकी तबियत खराब रहती थी. डॉक्टर ने उन्हें ऑर्गेनिक सब्जी और अनाज खाने को सलाह दी. लेकिन ऑर्गेनिक के नाम पर बाजार कुछ भी बेचा जा रहा है. इस कारण विशाल गौर ने खुद से ही घर की छत पर सब्जियां उगाने की सोची.बीते आठ साल से उनके घर में बाजार से सब्जी नहीं खरीदी जाती. हमने उनसे बात किया और जानने की कोशिश की कि कैसे वो खेती करते हैं. 

बीपी की गोली खाना हो गया बंद

विशाल गौर सेक्टर 122 में रहते हैं, वो अपने घर की छत पर ही सब्जियां, जैसे गोभी, पालक, मूली, टमाटर, गाजर इत्यादि उगाते हैं. विशाल बताते हैं कि हम पिछले आठ साल से अपने घर के छत पर उगाई सब्जियों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं. काफी सालों तक मुझे ब्लड प्रेशर इत्यादि की दिक्कत थी. जिस कारण डॉक्टर ने ऑर्गेनिक खाने की बात कही थी. लेकिन बाजार में ऑर्गेनिक के नाम पर हो रही ठगी से बचने के लिए कोई उपाय नहीं था. इसलिए हमने अपने घर की छत पर ही आर्गेनिक सब्जियों को उगाना शुरू किया था. अब शहरों में इतनी जगह भी नहीं होती जहां आप खेती कर सके लेकिन रूफ फार्मिंग इस मामले में बेहतरीन उपाय है. मैं अपने घर की छत पर सीजनल सब्जियां उगाता हूँ. गौर बताते हैं कि सालों से कभी घर के बाहर से सब्जी लेने की जरूरत नहीं पड़ती. अब तो ब्लड प्रेशर की दवाइयां भी बंद हो गई है. डॉक्टर को आश्चर्य होता है कि यह कैसे हो सकता है?

कम पैसे में ज्यादा सब्जी उगाते हैं विशाल

विशाल गौर बताते हैं कि हम प्लास्टिक के बेकार पड़े डब्बे को या ड्रम को काट कर उसी में मिट्टी डाल देते हैं. मिट्टी में जो किचन से कचरा निकलता है उसे ही खाद की तरह मिलाते हैं और उसी से सब्जियों को उगाते हैं. विशाल गौर के अनुसार कि खाद्य घर के किचन से ही निकलता है तो खर्च होता नहीं है. कोई और पेस्टीसाइड इस्तेमाल हम करते नहीं सिर्फ किचन के कचरे का इस्तेमाल ही होता है. जो खर्च होता है वो बस बीज लाने में ही खर्च होता है. लेकिन हजारों रुपए हमारे हर महीने बचत होती है. वो कहते हैं कि असल में जो सब्जियों के स्वाद हमें मिलता है या जो स्वास्थ्य हमें मिलता है वो उस पैसे के तुलना के लायक नहीं है. 

आप भी कर सकते हैं शुरुआत

विशाल बताते हैं कि हमने शुरुआत में खेती के लिए कुछ वर्कशॉप किये, क्योंकि हमने कभी खेती नहीं समझी थी. लेकिन कई वर्कशॉप और यूट्यूब वीडियो से हमने खेती रूफटॉप फार्मिंग सीखी. इसे कोई भी कर सकता है और अच्छी सब्जियां उगा सकता है. रूफटॉप फार्मिंग की सबसे अच्छी बात ये होती है कि ये आपके पास जितनी जगह है, उतने में ही उगा सकते हैं.