Diabetes Medicine Effective On Parkinson: डायबिटिज में यूज की जाने वाली दवा लिक्सीसेनटाइड पार्किंसंस नाम की बीमारी पर कारगर है. इसका खुलासा एक रिसर्च में किया गया है. दावा है कि शुगर की दवा पार्किंसंस के बढ़ने की रफ्तार को धीमा कर सकती है. पार्किंसंस फाउंडेशन के अनुसार , दुनिया भर में 10 मिलियन से अधिक लोग पार्किंसंस के साथ जी रहे हैं.
फाउंडेशन के मुताबिक, बीमारी की जानकारी के बाद इसे बढ़ने से रोकने का इलाज है, लेकिन इसे पूरी तरह से खत्म करने का फिलहाल कोई तरीका नहीं है. हाल के कुछ सालों में ग्लूकागन- जैसे पेप्टाइड 1 रिसेप्टर एगोनिस्ट (या जीएलपी-1आर एगोनिस्ट) ने इस बीमारी के इलाज को लेकर उत्साह पैदा किया है. इसी तरह की एख दवा जो टाइप 2 शुगर की दवा होती है, जिसे एक्सेनाटाइड कहा जाता है. ये पार्किंसंस से पीड़ित मरीजों में इसकी प्रगति को धीमा करने में कारगर है.
पार्किंसंस एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्रेन में नर्स सेल्स समय के साथ नष्ट हो जाती हैं. ऐसा होने से मनुष्य के सोचने और काम करने की स्पीड, बैलेंस बनाने और याददाश्त में समस्याएं पैदा होती हैं. इस संबंध में स्टडी के मेन रिसर्चर बोर्डो यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के प्रोफेसर वासिलियोस मीस्नर ने कहा कि परिणाम रोमांचक थे.
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में लिखते हुए, फ्रांस के शोधकर्ताओं ने बताया कि कैसे उन्होंने हाल ही में पार्किंसंस से पीड़ित 156 लोगों को रेंडम तरीके से दो समान आकार के ग्रुप में बांट दिया. इसके बाद दोनों ग्रुप ने अपनी सामान्य पार्किंसंस दवा ली, एक समूह को लिक्सिसेनाटाइड का एक अतिरिक्त डेली इंजेक्शन दिया गया, जबकि दूसरे को प्लेसबो दिया गया.
स्टडी से पहले, उसके दौरान और बाद में, पार्टिसिपेंट्स ने अपने लक्षणों की जांच की. इसके बाद उन्हें स्कोर दिए गए. रिजल्ट से पता चलता है कि 12 महीनों के बाद, जिन लोगों को लिक्सिसेनाटाइड दिया गया था, उनमें समस्याओं में कोई प्रगति नहीं हुई, जबकि जिन्हें प्लेसबो दिया गया, उनमें बिगड़ते लक्षण दिखाई दिए.
शोधकर्ताओं ने दावा किया कि लिक्सीसेनटाइड न केवल लक्षणों को कम करता है बल्कि मस्तिष्क को न्यूरॉन्स के नुकसान से बचाता है. हालांकि, इसमें एक कमी ये पाई गई कि जिन लोगों को लिक्सिसेनाटाइड दी गई, उनमें से करीब आधे लोगों ने जी मचलने और 13 फीसदी ने उल्टी की शिकायत की.