Noida: निजी वाहन से चलते हैं तो ये पेपर है जरूरी, परिवहन विभाग वसूल रहा है भारी जुर्माना
नोएडा: दिल्ली-नोएडा समेत पूरा एनसीआर प्रदूषण की जाल में फंस गया है. ऐसे में अगर आप अपने निजी वाहनों से आवाजाही करते हैं तो जरा संभल कर चलिए. पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के बाद अब परिवहन विभाग भी अब सक्रिय हो गया है.
नोएडा: दिल्ली-नोएडा समेत पूरा एनसीआर प्रदूषण की जाल में फंस गया है. पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड ने ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) का दूसरा चरण लागू कर दिया है और तीसरे की तरफ बढ़ रहा है. ऐसे में अगर आप अपने निजी वाहनों से आवाजाही करते हैं तो जरा संभल कर चलिए. पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के बाद अब परिवहन विभाग भी अब सक्रिय हो गया है. कहीं ऐसा न हो कि एक गलती के कारण आप परिवहन विभाग के चक्कर में पड़ जाए और गाड़ी सीज करवा बैठे.
कागज तो दिखाना ही पड़ेगा
नोएडा में मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार जा चुका है. इसको देखते हुए पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (पीसीबी) सख्ते में है. अब परिवहन विभाग ने भी वाहनों के फिटनेस और पॉल्युशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट चेक करना शुरू कर दिया है. जब से ग्रैप लागू हुआ तब से 31 अक्टूबर तक 1400 वाहनों पर कार्रवाई की गई है. 'आरटीओ नोएडा सियाराम वर्मा' ने मंगलवार को बताया कि नोएडा में 1400 में कुल 924 ऐसे वाहन हैं जिसके पीयूसी के लिए कार्रवाई किए गए हैं. 473 वाहनों पर ध्वनि प्रदूषण के कारण तो वहीं 238 वाहनों पर एनजीटी के आदेश के बाद भी 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन चलाने के कारण कार्रवाई की गई है. सियाराम वर्मा बताते हैं कि 191वाहनों को सीज भी किये गए हैं.
क्या होता है पीयूसी?
पॉल्युशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट यह तय करता है कि आपके दोपहिया या चौपहिया वाहनों में से जो धुंआ निकल रहा है वो पर्यावरण के लिए घातक तो नहीं है. आरटीओ सियाराम वर्मा बताते हैं कि नोएडा में 562018 दोपहिया, 277675 निजी चौपहिया समेत कुल 934347 वाहन रजिस्टर्ड हैं. अभी यह कार्रवाई नियमित रूप से चलती रहेगी ताकि बढ़ रहे प्रदूषित में इन वाहनों की भागीदारी कम हो.
पीयूसी को लेकर क्या है नियम
सियाराम वर्मा बताते हैं कि पीयूसी को भारत सरकार ने सभी वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया है. पीयूसी यानी पॉल्युशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट को नेशनल रजिस्टर के साथ अटैच भी करना है ताकि डेटाबेस तैयार होता रहे. सर्टिफिकेट में वाहन स्वामी का नाम, फोन नंबर, के साथ वाहन का नंबर भी अंकित होना चाहिए. सियाराम वर्मा कहते हैं कि अगर ये सर्टिफिकेट नहीं है तो वाहनों पे 10000 रुपए तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है. यहां तक कि जब्त भी किया जा सकता है.