इस मामले में चीन को पछाड़ नंबर 1 बना भारत, अब दुनियाभर से आ सकता है मोटा निवेश
वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स ने 50 सबसे कम मैन्यूफैक्चरिंग लागत वाले 50 देशों की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में भारत टॉप पर है.
दुनियाभर की कंपनिया इस समय चीन प्लस वन रणनीति पर काम कर रही हैं. उनकी इस रणनीति में भारत टॉप पर नजर आ रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण है भारत में उत्पादन लागत का सबसे कम होना. जी हां, सबसे सस्ती मैन्यूफैक्चरिंग के मामले में भारत दुनिया में पहले स्थान पर पहुंच गया है.
वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स ने 50 सबसे कम मैन्यूफैक्चरिंग लागत वाले 50 देशों की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में भारत टॉप पर है, जबकि चीन इस मामले में दूसरे स्थान पर है. बांग्लादेश, इंडोनेशिया, कंबोडिया, मलेशिया और श्रीलंका जैसे देश इस लिस्ट में शामिल हैं.
दूसरे नंबर पर चीन, तीसरे नंबर पर वियतनाम
मैन्यूफैक्चरिंग लागत के मामले में भारत पहले नंबर पर है. सबसे सस्ती निर्माण लागत की वजह से दुनिया भर की कंपनियां अब भारत में अपनी निर्माण फैक्ट्री लगाने पर विचार कर रही हैं.
चीन की बढ़ती श्रम लागत और पश्चिम के साथ राजनीतिक तनाव के साथ कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता घटाने और अपनी सप्लाई चेन को बढ़ाने की कोशिश में हैं. ऐसे में भारत अपनी बड़ी आबादी और रणनीतिक के साथ इसका फायदा उठा सकता है.
भारत में कम कीमत पर चीजें तैयार की जा सकती हैं. भारत में स्किल्ड लेबर भी और देशों से सस्ते में मिल जाती है इसलिए बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत को चीन के एक विकल्प के तौर पर देख रही हैं. सबसे सस्ती मैन्यूफैक्चरिंग वाले देशों में वियतनाम तीसरे नंबर पर है. वहीं थाइलैंड इस लिस्ट में चौथे, फिलिपिंस पांचवे, बांग्लादेश छठे, इंडोनेशिया सातवें, कंबोडिया आठवें, मलेशिया नौवें और श्रीलंका दसवें स्थान पर है.