Char Dham Yatra 2025: हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व है. स्कंद पुराण के अनुसार, यह यात्रा पापों से मुक्ति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने का माध्यम मानी जाती है. चार पवित्र स्थल चारों दिशाओं में स्थित हैं: उत्तर में बद्रीनाथ, दक्षिण में रामेश्वरम, पूर्व में पुरी और पश्चिम में द्वारका. आदि शंकराचार्य ने इन स्थलों के आध्यात्मिक महत्व को स्थापित किया, जिसके कारण ये स्थल प्रसिद्ध हो गए.
चार धाम यात्रा 2025 की शुरुआत 29 अप्रैल को होगी, जिसमें यमुनोत्री से यात्रा शुरू होगी और बद्रीनाथ में समाप्त होगी. इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 3 फरवरी 2025 से शुरू होगा, जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. राज्य पर्यटन विभाग ने रजिस्ट्रेशन को सरल बनाने के लिए एक स्मार्टफोन ऐप भी लॉन्च किया है. सामान्य दर्शन के लिए टोकन सिस्टम के माध्यम से दर्शन की सुविधा होगी, जबकि कुछ विशेष सेवाओं जैसे रुद्राभिषेक के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन आवश्यक होगा.
यमुनोत्री, उत्तरकाशी जिले में स्थित है और यहां यमुना नदी के स्रोत, चंपासर ग्लेशियर से उत्पन्न होती है. यहां पहुंचने के लिए 6 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है.
गंगोत्री मंदिर 3,048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसे नेपाली नेता अमर सिंह थापा ने बनवाया था. यह मंदिर गंगा नदी के पृथ्वी पर अवतरण की कहानी से जुड़ा है.
3,584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ मंदिर, 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यह मंदिर पांडवों द्वारा निर्मित माना जाता है और यहां से हिमालय की बर्फीली चोटियां दिखती हैं.
बद्रीनाथ मंदिर में भगवान बद्रीनारायण की 3.3 फीट लंबी काले पत्थर की मूर्ति स्थित है. इस मंदिर का निर्माण वेद काल में हुआ था और इसका इतिहास काफी पुराना है.
Make My Trip के अनुसार:
चार धाम यात्रा के टिकट की कीमतें आपकी चुनी हुई सेवाओं (जैसे हेलीकॉप्टर सेवाएं, विशेष दर्शन, या ट्रैकिंग) पर निर्भर करती हैं. 2025 की चार धाम यात्रा एक आध्यात्मिक अनुभव होने का वादा करती है और तीर्थयात्रियों को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और यात्रा मार्गदर्शिकाओं का पालन करने की सलाह दी जाती है.