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प्रॉपर्टी बेचने वालों को बड़ी राहत, सरकार ने LTCG इंडेक्सेशन प्रस्ताव में किया संशोधन

हाल ही में पेश हुए बजट में इंडेक्सेशन बेनिफिट को हटा दिया गया था. इसके पीछे सरकार ने दलील दी थी कि सरकार प्रॉपर्टी में टैक्स सिस्टम को ज्यादा से ज्यादा सरल बनाना चाहती है, लेकिन रियल एस्टेट से जुड़े हुए लोगों ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई थी और इसमें संशोधन करने की अपील की थी.

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Edited By: India Daily Live
LTCG Indexation
Courtesy: SOCIAL MEDIA

LTCG Indexation: प्रॉपर्टी खरीने व बेचने वालों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है. बजट में सरकार ने रियल एस्टेट से जिस इंडेक्सेशन बेनिफिट को हटा दिया था अब उसमें सरकार ने बड़ा संशोधन किया है. सरकार ने रियल एस्टेट इंडस्ट्री से मिलने वाले फीडबैक के आधार पर इंडेक्सेशन नियमों में ढील दी है. लोकसभा में फाइनेंस बिल पेश कर सरकार ने 2 विकल्प पेश दिए हैं.  पहले विकल्प के तहत 20% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) से साथ विक्रेता इंडेक्सेशन का तरीका अपना सकते हैं जबकि दूसरे विकल्प में बिना इंडेक्सेशन के 12.5% का नियम होगा.

बजट में हटाया गया था इंडेक्सेशन का प्रस्ताव

हाल ही में पेश हुए बजट में इंडेक्सेशन बेनिफिट को हटा दिया गया था. इसके पीछे सरकार ने दलील दी थी कि सरकार प्रॉपर्टी में टैक्स सिस्टम को ज्यादा से ज्यादा सरल बनाना चाहती है.

इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने जताया आभार
हीरानंदानी ग्रुप के चेयरमैन और नारेडको के अध्यक्ष डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने वित्त विधेयक प्रस्तावित संशोधनों के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सराहना की. उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम रियल एस्टेट सेक्टर को काफी राहत देगा.  

बजट में खत्म कर दिया था इंडेक्सेशन बेनिफिट

बता दें कि सरकार ने बजट में प्रॉपर्टी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस में इंडेक्सेशन बेनिफिट को खत्म करने का ऐलान किया था. इसका मतलब ये था कि अगर कोई भी व्यक्ति अपना घर बेचता है तो उससे होने वाले कैपिटल गेंस के कैलकुलेशन के लिए इंडेक्सेशन का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. इंडेक्सेशन बेनिफिट्स खत्म होने से घर या रियल एस्टेट प्रॉपर्टी बेचने पर पहले के मुकाबले ज्यादा LTCG देना होगा, लेकिन अब इसमें आपके पास दो विकल्प होंगे.