Budget 2024 income tax expectations: नरेंद्र मोदी सरकार नए आयकर प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इस प्रणाली में टैक्स की दरें कम हैं, लेकिन छूटें भी कम हैं. 2020 में पेश की गई इस नई व्यवस्था में 2023 के बजट में और बदलाव किए गए थे ताकि आम आदमी और मध्यम वर्ग के सैलरीड लोग इसे अपनाएं.
अब 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट 2024 के दौरान नए टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीदें बढ़ गई हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि बेसिक छूट सीमा बढ़ाई जा सकती है, स्टैंडर्ड डिडक्शन में इजाफा हो सकता है और टैक्स स्लैब में भी बदलाव हो सकते हैं.
नए टैक्स स्लैब में क्या है मौजूदा प्रावधान?
बजट 2023 में नए टैक्स व्यवस्था में कई बदलाव किए गए थे. इनमें बेसिक छूट सीमा में 50,000 रुपये की बढ़ोतरी, 7 लाख रुपये तक की आय पर 100% टैक्स छूट और 5 करोड़ रुपये से अधिक की आय पर सरचार्ज की दर में कमी शामिल है.
नए टैक्स स्लैब के वर्तमान में ये दरें हैं:
- 3 लाख रुपये तक: कोई टैक्स नहीं
- 3 लाख से 6 लाख रुपये: 5%
- 6 लाख से 9 लाख रुपये: 10%
- 9 लाख से 12 लाख रुपये: 15%
- 12 लाख से 15 लाख रुपये: 20%
- 15 लाख रुपये से अधिक: 30%
7 लाख रुपये तक की आय पर 25,000 रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है. 50 लाख रुपये से अधिक की आय पर सरचार्ज भी लगता है.
नए टैक्स स्लैब में क्या बदलाव हो सकते हैं?
- विभिन्न टैक्स विशेषज्ञों की राय में नए टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव जरूरी हैं. ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर लगने वाला 30% टैक्स की दर बहुत ज्यादा है और इसे 20 लाख रुपये से ऊपर की आय पर लागू किया जाना चाहिए.
- डेलॉइट इंडिया की पार्टनर आरती रावत का कहना है कि सरकार 25% तक की टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं करेगी, बल्कि 15 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर सकती है. इसके अलावा, बेसिक छूट सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है और स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जा सकता है.
- वायल्टो पार्टनर्स के पार्टनर चंदर तालरेजा का मानना है कि सरकार को 15 लाख से 20 लाख रुपये के बीच की आय पर अतिरिक्त स्लैब पेश करके मिडिल क्लास को राहत देनी चाहिए. उन्होंने अपनी तरफ से कुछ टैक्स स्लैब का सुझाव भी दिया है.
- बीडीओ इंडिया एलएलपी की पार्टनर प्रीति शर्मा का कहना है कि 15 लाख रुपये की आय पर 30% टैक्स बहुत ज्यादा है और इसे घटाकर 22-25% किया जाना चाहिए. इसके अलावा, 25 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स लगाया जा सकता है.
- ईवाई इंडिया की टैक्स पार्टनर सुराभि मारवाह का मानना है कि मौजूदा स्लैब ठीक हैं, लेकिन बेसिक छूट सीमा को 5 लाख रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए.
- मेनस्टे टैक्स एडवाइजर्स के पार्टनर कुलदीप कुमार का कहना है कि स्लैब की संख्या को घटाकर 3 या 4 किया जाना चाहिए. सरकार के पास सभी आंकड़े हैं, इसलिए बदलाव ऐसे किए जाने चाहिए कि कम और मध्यम आय वाले लोगों पर टैक्स का बोझ कम हो.
अब देखना यह है कि बजट 2024 में सरकार इनमें से कितने सुझावों को मानती है और टैक्सदाताओं को कितनी राहत मिलती है.