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नए बजट में बढ़ सकता है स्टैंडर्ड टैक्स डिडक्शन, आम आदमी पर क्या पड़ेगा इसका असर?

Income Tax: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने की तैयारी कर रही है. इस दौरान आम से खास सभी की नजरें इनकम टैक्स में बदलाव पर होंगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में बजट को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. वित्त मंत्रालय को इस दौरान मुद्दों पर सलाह मिली है लेकिन वह उनका मूल्यांकन कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में छूट प्रदान कर सकती है.

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Courtesy: Social Media

Income Tax: नरेंद्र मोदी की एनडीए नेतृत्व वाली सरकार अपने तीसरे कार्यकाल के पहले बजट को पेश करने की तैयारी कर रही है. सरकार के गठन के बाद सभी की निगाहें बजट पर लगी हुई हैं. अगले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साल 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करने वाली हैं. हमेशा की तरह इस बार भी लोगों को बजट से काफी उम्मीदें हैं. खबर है कि सरकार इस बार नए टैक्स नियमों के लिए स्टैंडर्ड टैक्स डिडक्शन लिमिट बढ़ाने पर विचार कर रही है, इसमें छूट वाली पुरानी व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा. इसे देखते हुए पूंजीगत लाभ तंत्र में कोई बड़े बदलाव की संभावना नहीं है. यह ऐसा मसला है जिस पर आयकर विभाग समीक्षा की मांग कर रहा है. 

हालांकि बजट की रूपरेखा पर चर्चा अभी शुरू हुई है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सार्वजनिक परामर्श कर रही हैं लेकिन अधिकांश चर्चा अभी वित्त मंत्रालय तक ही सीमित है. वित्त मंत्रालय इस दौरान कई मुद्दों पर आंतरिक मूल्यांकन कर रहा है. वित्त मंत्रालय इस दौरान कुछ विभागों से चर्चा करने और पीएमओ से मिलने वाली फीडबैक के आधार पर अंतिम निर्णय लेगा. 

मिडिल क्लास को राहत देने के मूड में सरकार 

रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के अधिकांश विभाग करदाताओं को राहत देने के पक्ष में हैं. खासतौर से मिडिल क्लास को. मिडिल क्लास मोदी सरकार का समर्थक रहा है लेकिन वह चुकाए गए टैक्स पर मिलने वाले लाभ पर लगातार सवाल खड़े कर रहा है. मध्यम वर्ग स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र जैसे कई क्षेत्रों की सेवाओं पर सवाल उठा रहा है. 

क्या है स्टैंडर्ड डिडक्शन? 

साल 2023 के बजट में वित्त मंत्री ने नए टैक्स रिजीम के तहत वेतभोगी टैक्सपेयर्स और पेंशन लेने वालों के लिए 50,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन की शुरुआत की थी. यह करदाताओं के लिए डिफाल्ट बन गया था जब तक कि उन्होंने इसका चुनाव न किया हो. इसके अलावा सरकार ने कर योग्य आय की धारा 87 (A) के तहत 7 लाख तक कमाने वालों को नई रिजीम में टैक्स देने के दायरे से बाहर कर दिया. इसके अलावा सरकार ने इनकम टैक्स पर लगने वाले सरचार्ज को भी नई व्यवस्था के तहत हटा दिया था. 

इसे एक उदाहरण के जरिए समझा जा सकता है. मान लिया जाए यदि आपकी टैक्सेबल इनकम 5.50 लाख रुपये है. ऐसे में 50 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद आपकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये ही रह जाएगी और आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा. यदि आपने नए टैक्स रिजीम का चुनाव किया है तो 7.50 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स देने से फ्री हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि 50 हजार रुपये आपको स्टैंडर्ड डिडक्शन मिल जाएगा और आपकी बची इनकम 7 लाख रुपये रह जाएगी. नए टैक्स रिजीम में 7 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है.