सरकारें बदलने का असर शेयर मार्केट पर खूब पड़ता है. इस बार भी एग्जिट पोल और चुनाव के असल नतीजों के साथ शेयर मार्केट में खूब उथल-पुथल हुई. इस बार लोकसभा के साथ-साथ कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव भी हुए थे. नतीजों के साथ कुछ राज्यों में भी बदलाव हुए हैं. ऐसे में एक राज्य ऐसा भी है जिसके एक शहर में जमीन के दाम सिर्फ 3 दिन में ही दोगुने हो गए हैं. वजह यह है कि इस शहर को एक बार फिर से प्रदेश की राजधानी बनाया जा सकता है.
हम बात कर रहे हैं आंध्र प्रदेश और उसके शहर अमरावती की. 5 साल के बाद चंद्र बाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश की सत्ता में वापसी कर ली है. आंध्र प्रदेश की जनता और वहां के किसानों के दिमाग में है कि 12 जून को अमरावती में चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. वहीं जैसे-जैसे इस बात के आसार बड़ रहे हैं आंध्र प्रदेश और खासतौर से अमरावती में जमीन के रेट बढ़ते ही जा रहे हैं. बीते 3 दिनों में अमरावती की जमीनों के रेट में 50 से 100 प्रतिशत तक का इजाफा देखने को मिला है. पूरे आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा अमरावती में प्रापर्टी के रेट में इजाफा देखने को मिला है क्योंकि इसके पीछे भी बहुत बड़ा राज छुपा है.
बता दें कि यह बात साल 2014 से साल 2019 के बीच की है. उस समय चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर थे. उस समय चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती को राजधानी बनाने का प्रस्ताव रखा था. उन्होंने ग्रीनफील्ड राजधानी अमरावती को पर्यावरण की दृष्टि से और समृद्ध बनाने का सपना देखा था. यह शहर विजयवाड़ा और गुंटूर शहरों के बीच स्थित है और इसमें 29 गांव शामिल हैं.
हालांकि, 2019 में चंद्रबाबू नायडू चुनाव हार गए और वाईएसआर कांग्रेस सत्ता में आई. वाईएसआर कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी सीएम बने तो उन्होंने अमरावती प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिए. उन्होंने दूसरे शहरों को आंध्र प्रदेश की राजधानी बनाने की ओर कदम बढ़ाया. इसी के चलते अमरावती शहर की जमीनों के दाम तेजी से कम हो गए.
आंध्र प्रदेश के अमरावती में एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, हाईकोर्ट, विधानसभा, सचिवालय और केंद्र सरकार के संस्थानों के पास जमीनों की सबसे ज्यादा मांग है. रिटेलर्स, ब्रोकर्स और किसानों के पास जमीन खरीदने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से ऑफर आ रहे हैं. पूरे आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा जमीनों की कीमत अमरावती में बढ़ी हुई है. शहर के किसानों को उम्मीद है कि 12 जून को चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और पीएम मोदी इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे. अगर इस मौके पर अमरावती को लेकर कोई बड़ी घोषणा होती है तो यहां जमीनों की कीमत में और इजाफा हो सकता है.