About Nvidia: बिजनेस वर्ल्ड में आज हर किसी की जुबान पर बस एक ही कंपनी का नाम है Nvidia. अमेरिका की यह कंपनी माइक्रोसॉफ्ट को पछाड़कर दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है. मंगलवार 18 जून को 4.60 डॉलर की तेजी के साथ कंपनी का शेयर 135.58 डॉलर (11,300 रुपए) पर बंद हुआ. इस तेजी के साथ कंपनी का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 3.34 ट्रिलीयन डॉलर (करीब 278 लाख करोड़ रुपए) हो गया है.
माइक्रोसॉफ्ट 3.32 ट्रिलियन डॉलर (करीब 276 लाख करोड़) के साथ दुनिया की दूसरी और एप्पल 3.39 ट्रिलियन डॉलर (करीब 274 लाख करोड़) मार्केट कैप के साथ दुनिया की तीसरी सबसे मूल्यवान कंपनी है.
आईपीओ लाने से लेकर दुनिया की नंबर-1 कंपनी बनने तक का सफर
यह साल था 1999, जब स्टीब जॉब्स एप्पल कंपनी की कमान फिर से अपने हाथों में ली थी. उस समय सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियों में इंटेल का दबदबा था, उसी दौरान Nvidia Corp. ने चिप निर्माता कंपनी के तौर पर Nasdaq स्टॉक एक्सचेंज में खुद को लिस्ट कराया. उस समय कहा जा रहा था कि इंटेल जैसी बड़ी मछलियां Nvidia Corp. को खा जाएंगी लेकिन हुआ ये कि Nvidia ने मात्र तीन साल से कम समय में ही ऑइल-मार्केटिंग ग्रुप एनरॉन को बाहर करते हुए S&P 500 में जगह बना ली.
1999 में आईपीओ लाने से लेकर 2002 शुरू होने से पहले (मात्र 3 सालों से भी कम समय में) S&P 500 ग्रुप में शामिल होने तक कंपनी 1,600% का रिटर्न दे चुकी थी और तब तक कंपनी का मार्केट कैप करीब 8 बिलियन डॉलर हो चुका था. कंपनी के स्टॉक में यह उछाल ऐसे समय में आया था जब डॉट.कॉम बबल के बाद कई टेक्नोलॉजी कंपनियों को भारी नुकसान हुआ था और यह नुकसान 2000 में अपने चरम पर पहुंच चुका था.
अब तक 591,078% का रिटर्न
आईपीओ लाने से लेकर यह कंपनी अब तक अपने निवेशकों को 591,078% का रिटर्न दे चुकी है. मंगलवार को कंपनी दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी माइक्रोसॉफ्ट को पछाड़ते हुए 3.34 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई. हैरानी की बात ये है कि कंपनी के पूंजीकरण में 2 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि केवल इसी साल हुई है.
दुनियाभर में इस्तेमाल हो रहीं कंपनी की Chips
Nvidia एक चिपमेकर कंपनी है. कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ जेन्सेन हुआंग की दूरदर्शी सोच ने इस कंपनी को आज दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बना दिया है. दरअसल पूरी दुनिया इस समय आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की तरफ बढ़ रही है. आने वाला युग एआई का ही युग होगा.
कंपनी द्वारा बनाई जाने वाली ग्राफिक्स Chips का बड़े पैमाने पर AI तकनीक में इस्तेमाल होता है. आप ये कह सकते हैं कि इस कंपनी की Chip के बगैर AI तकनीक काम नहीं कर सकती. AI तकनीक पर काम कर रहीं दुनियभर की कंपनियां Nvidia की ही ग्राफिक्स Chips का इस्तेमाल इस वजह से करती हैं क्योंकि इस कंपनी की Chips की कार्य क्षमता इसकी कंपीटीटर कंपनियों की Chips के मुकाबले ज्यादा बेहतर होती है.
AI युग ने कंपनी को नंबर-1 बनाने में निभाई अहम भूमिका
Nvidia के सीईओ जेन्सेन हुआंग ने बहुत पहले ही इस बात का अनुमान लगा लिया था कि आने वाले समय में इंडस्ट्री उस चीज पर डिपेंड हो जाएगी जिसे वह 'एक्सलेरेटेड कंप्यूटिंग' कहते हैं, जोकि पूरी तरह से Chips पर निर्भर होगी. Nvidia ने अपना कारोबार एक गेमिंग कंपनी के तौर पर शुरू किया था, लेकिन बाद में यह कंपनी एक Chip मेकर कंपनी के तौर पर काम करने लगी. फिलहाल कंपनी ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स के क्षेत्र में सबसे बड़ी कंपनियों में से एक होने के साथ-साथ AI के क्षेत्र में भी काम कर रही है. Nvidia के GPU का बड़े स्तर पर AI एप्लीकेशन में इस्तेमाल होता है. आज दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाले 88% जीपीयू Nvidia के ही होते हैं.
ChatGPT की पॉपुलेरिटी ने Nvidia को दुनिया की नंबर-1 कंपनी बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है. OpenAI को ऑपरेट करने के लिए सुपरकम्प्यूटर में जो 10,000 ग्राफिक्स चिप्स लगे हैं वे सभी Nvidia के ही है, इन Chips में से प्रत्येक की कीमत करीब 10,000 डॉलर है. AI के बढ़ते इस्तेमाल के कारण इस कंपनी के कारोबार में लगातार तेजी देखने को मिल रही है. आने वाले समय में इसके कारोबार में और तूफानी तेजी आने की संभावना है.