RBI proposed new rules for banks: एटीएम की ही तरह आधार कार्ड के जरिए आप पैसे निकाल सकते हैं, ये सुविधा देता है एपीएस (Aadhaar Payment System). लेकिन इसी सुविधा का दुरुपयोग हो रहा है, जिससे परेशान होकर भारतीय रिजर्व बैंक ने एजेंट्स के लिए नये नियम बनाए हैं.
एपीएस के जरिए आप बिना डेबिट कार्ड के सिर्फ अपने आधार नंबर और फिंगरप्रिंट के जरिए पैसे निकाल सकते हैं. इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने शुरू किया था. लेकिन इसी आसानी का फायदा उठाकर स्कैमर पैसे चोरी कर रहे हैं.
संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि एपीएस धोखाधड़ी को रोकने के लिए यूआईडीएआई ने आधार को लॉक करने की सुविधा दी है. जिससे बायोमेट्रिक्स का दुरुपयोग नहीं हो सके. इसके अलावा बैंक को भी सतर्क रहने को कहा गया है.
एपीएस के जरिए धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. अपराधी तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों के बायोमेट्रिक डेटा को चुरा रहे हैं और उनके खातों से पैसे निकाल रहे हैं. यह समस्या विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में गंभीर है जहां लोगों में तकनीकी जागरूकता कम होती है.
धोखेबाज अक्सर स्थानीय एजेंटों को रिश्वत देकर या धमकाकर उनसे ग्राहक जानकारी हासिल करते हैं. कुछ मामलों में एजेंट खुद ही धोखाधड़ी में शामिल होते हैं. एक बार जब उनके पास बायोमेट्रिक डेटा होता है, तो वे क्लोनिंग तकनीक का उपयोग करके नकली फिंगरप्रिंट बना सकते हैं.
एपीएस धोखाधड़ी को रोकने के लिए RBI ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं:
एपीएस धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार और बैंक कई कदम उठा रहे हैं, लेकिन चुनौतियां बरकरार हैं. यूआईडीएआई ने आधार को लॉक करने की सुविधा प्रदान की है, लेकिन कई लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है. बैंकों को भी अपने ग्राहकों को जागरूक करने और सुरक्षा के उपायों के बारे में बताने की जरूरत है.
ग्राहुकों को भी सतर्क रहने की जरूरत है. उन्हें अपने आधार कार्ड की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए और किसी को भी अपना बायोमेट्रिक डेटा नहीं देना चाहिए. अगर कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे तो तुरंत बैंक से संपर्क करना चाहिए.
एपीएस एक सुविधाजनक भुगतान माध्यम है, लेकिन धोखाधड़ी के बढ़ते खतरों के कारण इसकी सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है. तकनीक के विकास के साथ, धोखेबाज भी नए तरीके खोज रहे हैं. इसलिए, सरकार, बैंकों और ग्राहकों को लगातार सतर्क रहने और नए खतरों से निपटने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है. एपीएस को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने के लिए सभी हितधारकों को मिलकर काम करना होगा. केवल तभी हम इस डिजिटल भुगतान प्रणाली के लाभों का पूरा फायदा उठा सकते हैं.