8th Pay Commission: सरकार द्वारा नए वेतन आयोग की घोषणा के बाद, केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और पेंशन में संशोधन को लेकर एक महत्वपूर्ण चर्चा चल रही है. इस चर्चा का केंद्र बिंदु है फिटमेंट फैक्टर, जो यह तय करेगा कि कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी होगी. एक और सवाल यह भी है कि क्या महंगाई भत्ता (DA) को मूल वेतन में शामिल किया जाएगा? इस मुद्दे पर सरकार ने हाल ही में अपना रुख स्पष्ट किया है.
राज्य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह स्पष्ट किया कि वर्तमान में महंगाई भत्ते (DA) को मूल वेतन में मिलाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. कर्मचारियों के संगठन, जैसे कि राष्ट्रीय संयुक्त परामर्शी परिषद (NC-JCM) ने इस मांग को सरकार के सामने रखा है, उनका कहना है कि महंगाई भत्ता अब 50% से अधिक हो चुका है और इसे मूल वेतन में शामिल किया जाना चाहिए.
सरकार का कहना है कि DA और डियरनेस रिलीफ (DR) का उद्देश्य महंगाई का मुकाबला करना है और यह कर्मचारियों और पेंशनरों के वास्तविक वेतन और पेंशन को महंगाई के प्रभाव से बचाने का काम करते हैं. इनकी दरें हर छह महीने में अपडेट की जाती हैं, ताकि यह जीवन यापन की लागत से मेल खाती रहें.
यह भी उल्लेखनीय है कि 7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद से 15 DA/DR किस्तें कर्मचारियों को वितरित की जा चुकी हैं.
इससे जुड़े एक अन्य समाचार में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि सरकार ने 8वां केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) बनाने का निर्णय लिया है, जो 36 लाख से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों, पेंशनरों और रक्षा कर्मियों को लाभान्वित करेगा. आयोग के गठन की पुष्टि कर दी गई है, लेकिन इसके सिफारिशें कब तक दी जाएंगी, इस पर कोई स्पष्ट समय सीमा नहीं है, जो बाद में तय की जाएगी. यह कदम भविष्य में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों की वित्तीय समस्याओं को हल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
आमतौर पर, वेतन आयोग हर 10 साल में बनते हैं, और उम्मीद की जा रही है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2026 तक लागू हो सकती हैं.