Budget 2024 New Tax Regime: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 में टैक्सपेयर्स, विशेषकर मिडिल क्लास को राहत देने के महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. नई टैक्स व्यवस्था (NTR) में किए गए संशोधनों के साथ-साथ स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि ने टैक्सपेयर्स की जेब पर पड़ने वाले बोझ को कुछ हद तक कम किया है.
नई टैक्स व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि कर इसे 75,000 रुपये से 50,000 रुपये किया जाना एक सराहनीय कदम है. इससे टैक्सपेयर्स की डिस्पोजेबल इनकम में बढ़ोतरी होगी, जिसका सीधा असर उनकी खर्च करने की क्षमता पर पड़ेगा. यह कदम अर्थव्यवस्था को गति देने की दिशा में भी सकारात्मक है, क्योंकि अधिक डिस्पोजेबल इनकम से उपभोग बढ़ता है, जिससे बाजार में मांग में वृद्धि होती है.
टैक्स स्लैब में किए गए बदलावों का भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. अब अधिकतर करदाता निचले टैक्स स्लैब में आ सकेंगे, जिससे उनकी कर देनदारी में कमी आएगी. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये लाभ नई टैक्स व्यवस्था के तहत ही उपलब्ध हैं. पुराने टैक्स रेजिम में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
सरकार पिछले कुछ वर्षों से नई टैक्स व्यवस्था को अधिक आकर्षक बनाने के प्रयास कर रही है, ताकि अधिक से अधिक सैलरीड वर्ग इसके दायरे में आए. इसी क्रम में पुराने टैक्स रेजिम को यथावत रखते हुए सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था में ये बदलाव किए हैं. हालांकि, कई करदाता अभी भी पुराने टैक्स रेजिम के तहत ही रहना पसंद करते हैं, क्योंकि उनके लिए यह अधिक लाभदायक हो सकता है.
सबसे ऊंचे टैक्स स्लैब में आने वाले करदाता, जिनकी टैक्सेबल आय 15 लाख रुपये या उससे अधिक है, उन्हें नई टैक्स व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाने से 7,500 रुपये की बचत होगी. इसके अलावा, टैक्स दरों में तर्कसंगतकरण के कारण इस वर्ग के टैक्सपेयर्स को 10,000 रुपये की बचत होगी, जिससे उनकी कुल बचत 17,500 रुपये हो जाएगी.
वहीं, 12 लाख रुपये से अधिक की टैक्सेबल आय वाले सभी टैक्सपेयर्स को टैक्स दरों में तर्कसंगतकरण के कारण 10,000 रुपये की बचत होगी, लेकिन स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि के कारण होने वाली बचत उन लोगों की तुलना में कम होगी जो शीर्ष टैक्स स्लैब में आते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उच्चतर स्टैंडर्ड डिडक्शन के कारण होने वाली बचत लागू आयकर दर पर आधारित होती है, जो विभिन्न इनकम ग्रुप के लिए अलग-अलग होगी.
बजट में 3-6 लाख रुपये की टैक्सेबल आय वाले टैक्सपेयर्स के लिए आयकर की दर 5 प्रतिशत से बदलकर 3-7 लाख रुपये कर दी गई है. इसी तरह, 10 प्रतिशत टैक्स दर के लिए स्लैब को 6-9 लाख रुपये से बदलकर 7-10 लाख रुपये कर दिया गया है. 15 प्रतिशत दर के लिए टैक्स स्लैब को 9-12 लाख रुपये से बदलकर 10-12 लाख रुपये कर दिया गया है.
बजट में किए गए बदलावों का मध्य वर्ग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिसमें वे अपनी बचत बढ़ा सकते हैं, कर्ज का बोझ कम कर सकते हैं या फिर अपनी जीवनशैली में सुधार कर सकते हैं. हालांकि, महंगाई की चुनौतियों को देखते हुए, इन लाभों का वास्तविक प्रभाव समय के साथ ही स्पष्ट होगा.
कुल मिलाकर, बजट 2024 में किए गए ये परिवर्तन सरकार की ओर से टैक्सपेयर्स के प्रति एक सकारात्मक कदम हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि इन उपायों का अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या अधिक से अधिक करदाता नई टैक्स व्यवस्था को अपनाते हैं.