Christmas 2023: देश-दुनिया में क्रिसमस की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इस त्योहार को लेकर बच्चे सबसे ज्यादा उत्साहित नजर आते हैं. वहीं इसमें दो चीजों पर सबसे ज्यादा लोगों की नजरे होती है. एक तो सेंटा क्लॉज और दूसरा क्रिसमस ट्री. सभी क्रिसमस ट्री को क्रिसमस आते ही अच्छे से सजाते हैं. लेकिन तिकोने आकार के इस क्रिसमस ट्री को लेकर लोगों के बीच में बहुत कंफ्यूजन बना रहता है. हालांकि इस खबर में हम आपको बताने वाले हैं कि असली क्रिसमस ट्री कहां मिलता है. आइए जानते हैं उसके बारे में...
पहाड़ी क्षेत्रों में ज्यादा होते हैं पौधे
क्रिसमस ट्री को सनोबर का पेड़ या फिर फर का पेड़ भी कहा जाता है. इस पेड़ को लोग घर में लगाना शुभ मानते हैं. इसका आकार शंकुधारी होता है यानी नीचे से ऊपर जाते हुए पतले आकार का होता जाता है. वहीं भारत की बात करें तो उत्तर-पश्चिम हिमालय क्षेत्र में कश्मीर से उत्तराखंड तक स्पूस के पेड़ पाए जाते हैं. इन पौधों को उत्तराखंड में कथेला, मोरिंडा, काला चीलू जैसे नामों से जाना जाता है. वहीं कुछ लोग इसे देवदार या चीड़ के नाम से भी जानते हैं. ये ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में पनपते हैं.
क्रिसमस ट्री का महत्व
इस पौधे को धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों रूपों में जानते हैं. इसके पौधे जहां कार्बन डाई ऑक्साइड को अपने अन्दर अवशोषित करता है वहीं ये इस प्रौधे को घर में लगाने से ऑक्सीजन का प्रवाह बना रहता है. ठंड के मौसम में तापमान गिरने पर इसका पौधा ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा बनाए रखता है.