Bacteria On Smartwatch: ये तो हमने कई बार सुना है कि स्मार्टफोन टॉयलेट की सीट से भी 10 गुना गंदा होता है. इस पर काफी बैक्टीरिया होते हैं. लेकिन क्या कभी आपने स्मार्टवॉच के बारे में ऐसा सुना है? शायद नहीं, क्योंकि इसके बारे में अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट या स्टडी नहीं आई थी. हालांकि, अब एक स्टडी सामने आई है जो आपको चौंका सकती है. फ्लोरिडा एटलांटिक यूनिवर्सिटी (FAU) ने एक स्टडी की है जिसमें दावा किया गया है कि प्लास्टिक, रबड़, चमड़ा, कपड़ा, चांदी, सोने से बने स्मार्टवॉच के स्ट्रैप बेहद खतरनाक होते हैं क्योंकि इनके नीचे बैक्टीरिया पनप रहे हैं.
क्या है रिसर्चर्स का कहना: बता दें कि इस रिसर्च के दौरान यूनिवर्सिटी ने कई ब्रांड्स की स्मार्टवॉचेज को शामिल किया था. इस रिसर्च में करीब 85% बैक्टीरिया मिले हैं जिन्हें Staphylococcus spp कहा जा रहा है. ये लोगों में इन्फेक्शन फैलाने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं. इसके अलावा 60% स्मार्टवॉचेज में E. coli बैक्टीरिया और 30% में Pseudomonas spp बैक्टीरिया मिला है जो व्यक्ति के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है.
नहीं रखा जाता ख्याल: आजकल जिम करते समय या एक्सरसाइज करते समय स्मार्टवॉच पहनी जाती हैं. इस दौरान पसीना भी आता है. अब स्मार्टवॉच को कोई साफ तो करता नहीं हैं और न ही सैनेटाइज करता है. ऐसे में यह लापरवाही सेप्सिस और निमोनिया जैसी बीमारियों का खतरा पैदा कर सकती है. रिसर्च में यह साफ किया गया है कि भले ही किसी वॉच के स्ट्रैप्स किसी भी मैटेरियल से क्यों न बनाए गए हों, ये सुरक्षित नहीं होते. इन्हें समय-समय पर साफ करना जरूरी हो जाता है. अगर ऐसा न किया जाए तो आपको बीमारी हो सकती है.
जिस तरह से आप अपना ख्याल रखते हैं आपको अपनी डिवाइसेज का भी ख्याल रखना चाहिए. स्मार्टवॉच को समय-समय पर साफ करते रहना चाहिए और सैनिटाइजर से स्ट्रैप्स को क्लीन करना चाहिए. फोन को भी सूखे कपड़ें से या लेंस क्लीनर से साफ करना बेहद जरूरी है.