Indian Babu Jugaad defeated Zuckerberg: 2016 में भारत के टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के एक कम रैंक वाले अधिकारी ने मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग और उनकी टीम को मात दे दी है. दरअसल, फेसबुक के Free Basics प्रोग्राम को भारत में नेट न्यूट्रैलिटी के उल्लंघन के चलते जांच के तहत रखा गया था. फेसबुक ने Free Basics को बचाने के लिए कई तरीके अपनाएं.
इस दौरान, फेसबुक ने भारतीय जनता को अपने पक्ष में करने की कोशिश की जिसके लिए लाखों ऑटोमेटेड ईमेल भेजे गए थे. फेसबुक के प्लान के अनुसार, कंपनी लोगों को इस तरह के तैयार करेगी कि Free Basics को लागू किया जा सके. बता दें कि इसके लिए फेसबुक ने करीब 16 मिलियन ईमेल भेजे थे जिससे भारतीय सरकार और TRAI पर दबाव डाला जा सके. हालांकि, यह सारा खेल उलटा पड़ गया.
बता दें कि TRAI के किसी अधिकारी ने इन ईमेल्स को ऑप्ट-आउट कर दिया. इसका सीधा मतलब यह था कि TRAI ने फेसबुक के भेजे गए ईमेल्स को पूरी तरह से नकार दिया था. इस अधिकारी के एक क्लिक ने फेसबुक के बड़े अभियान को पूरी तरह से विफल कर दिया.
इस घटना को लेकर फेसबुक की एक पूर्व कार्यकारी सारा विन-विलियम्स ने अपनी किताब एक किताब में खुलासा किया जिसका नाम Careless People है. इसमें उन्होंने कहा था कि फेसबुक ने भारत सरकार में प्रभावशाली रिश्ते बनाने के लिए काफी कोशिश की थी जिसके लिए पीएम मोदी के ऑफिस को भी कॉन्टैक्ट किया.
फेसबुक की टीम ने इस मसले को हल करने के लिए एक और कदम उठाया जिसमें उन्होंने पूर्व पुलिस कप्तान को नौकरी पर रखा था. अगर फेसबुक और भारत सरकार के बीच कोई बहस होती है तो वो जेल जाने के लिए तैयार रहे. हालांकि, मेटा ने इस किताब के दावों को झूठा बताया. साथ ही कहा है कि यह सभी बातें पुरानी हैं और इन्हें पहले से रिपोर्ट किया गया है.
आखिरकार, Free Basics को भारत में बंद कर दिया गया था जिसका कारण नेट न्यूट्रैलिटी था. यह घटना एक तरह से डेविड और गोलिएथ की लड़ाई जैसी थी, जिसमें एक छोटे अधिकारी ने एक बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी को मात दी.