Sextortion Case: पिछले काफी समय सेक्सटॉर्शन (या यौन उत्पीड़न) के मामले काफी बढ़ गए हैं. इसके जरिए लोगों को ऑनलाइन ब्लैकमेल किया जाता है. सेक्सटॉर्शन तब होता है जब कोई आपको अपनी आपत्तिजनक, यौन या इंटीमेट फोटज या वीडियो भेजने के लिए बरगलाता है या फिर मजबूर करता है. एक बार जब आप इस तरह की इमेज वीडियो आदि उसे भेज देते हैं तो इनके जरिए आपको ब्लैकमेल किया जाता है.
इस तरह के मामलों में कहा जाता है कि अगर आपने उनकी मांगे पूरी नहीं की तो आपकी फोटोज और वीडियोज को ऑनलाइन शेयर कर दिया जाएगा. ब्लैकमेलर्स की मांगों में ज्यादा फोटोज और वीडियोज की डिमांड करना, पैसे मांगना या सेक्सुअल फेवर मांगा शामिल होता है. कई बार बच्चे इसका बहुत बड़ा शिकार बन जाते हैं.
एक और तरह से होता है सेक्सटॉर्शन: इस तरह के मामलों में व्यक्ति को किसी अनजान नंबर से कॉल आती है और दूसरी तरफ से एक महिला अश्लील हरकत करते नजर आती है. फिर हैकर स्क्रीन को रिकॉर्ड कर लेता है या फिर स्क्रीन रिकॉर्ड कर लेता है. फिर विक्टिम को ब्लैकमेल किया जाता है कि अगर उसने पैसे नहीं दिए तो उसकी फोटो और वीडियो को रिलीज कर दिया जाएगा. इस तरह के मामलों में कई हैकर्स डीआईजी या पुलिस के बड़े अधिकारी बनकर कॉल करते हैं.
बच्चों पर रखें नजर:
अपने बच्चे के कंप्यूटर पर चेक करें कि कहीं कोई अश्लील कंटेंट तो नहीं है.
आपके बच्चे को ऐसे लोगों से फोन कॉल आ रहे हैं जिन्हें आप नहीं जानते हैं.
आपका बच्चा उन नंबरों पर कॉल कर रहा है जिन्हें आप नहीं पहचानते हैं.
आपका बच्चा इंटरनेट पर बहुत ज्यादा समय बिता रहा है.
आपके बच्चे को उन लोगों से तोहफे मिल रहे हैं जिनके बारे में आपको पता नहीं है.
जब आप अपने बच्चे के कमरे में जाते हैं तो वो कंप्यूटर बंद कर देता है या स्क्रीन बदल देता है.
आपका बच्चा अलग-थलग हो रहा है या व्यवहार भी बदल रहा है.
खुद को इस तरह के मामलों से कैसे बचाएं:
अगर आपके पास सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी ऐसे व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट आए तो उसे एक्सेप्ट न करें.
अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर प्राइवेसी और सिक्योरिटी फीचर का इस्तेमाल करें.
फेसबुक की प्रोफाइल को लॉक करके रखें.
अगर फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अगर कोई साइबर क्रिमिनल एक्टिविटी होती है तो उसे तुरंत रिपोर्ट करें.
अपने लैपटॉप समेत दूसरे डिवाइसेज के कैमरा अगर इस्तेमाल में न हों तो उन्हें बंद रखें.
अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन लगाएं.