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Remote Access Scam: आपकी एक गलती ले डूबेगी जीवनभर की पूंजी, प्राइवेट डाटा भी हो जाएगा लीक

Remote Access Scam: हैकर्स के पास कई तरीके होते हैं आपकी जानकारी चुराने के. चाहें आपका पैसा हो या सेंसिटिव डाटा, हैकर्स कई तरह से आपका डाटा चोरी करते हैं. इसमें से एक तरीका रिमोट एक्सेस स्कैम है. चलिए जानते हैं कि यह स्कैम कैसे काम करता है और इससे कैसे बचा जा सकता है.

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Edited By: Shilpa Srivastava
Remote Access Scam
Courtesy: Freepik

Cyber Attack: रिमोट एक्सेस स्कैम एक तरह का साइबर क्राइम है, जिसमें हैकर्स लोगों की डिवाइस का रिमोट एक्सेस हासिल कर लेते हैं. एक बार जब उन्हें एक्सेस मिल जाता है, तो ये आपकी पर्सनल जानकारी, वित्तीय डाटा चुरा सकते हैं या फिर डिवाइस में मैलवेर इंस्टॉल कर सकते हैं. इस तरह से यूजर्स का डाटा से लेकर पैसे तक सभी कुछ चुरा लिए जाते हैं. अगर आप इस स्कैम के बारे में नहीं जानते हैं तो यहां हम आपको बता रहे हैं कि रिमोट एक्सेस स्कैम क्या है और यह कैसे काम करता है.

कई बार तो हैकर्स ऐसी स्थिति पैदा कर देते हैं कि लोग अपनी डिवाइस का रिमोट एक्सेस देने के लिए मान जाते हैं. ये कहते हैं कि उनकी डिवाइस या सिस्टम में कोई टेक्नीकल इश्यू है जिसे तुरंत ठीक करना जरूरी है. एक बार जब व्यक्ति रिमोट एक्सेस दे देता है तो उसकी जानकारी चुरा ली जाती है.

रिमोट एक्सेस स्कैम कैसे काम करते हैं?

  • फिशिंग: हैकर्स अक्सर फिशिंग ईमेल या कॉल्स का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें वे टेक्नीकल हेल्प या बैंकों जैसी वैध संस्थाओं के नाम का सहारा लेते हैं. 

  • अर्जेंसी: हैकर्स दावा करते हैं कि आपके डिवाइस या अकाउंट में कोई समस्या है, जिसे तुरंत सही करने की जरूरत है.

  • रिमोट एक्सेस मांगना: हैकर्स आपसे अपने डिवाइस पर रिमोट एक्सेस देने के लिए कहते हैं, अक्सर एक फर्जी स्क्रीन-शेयरिंग एप्लिकेशन का इस्तेमाल करते हैं.

  • एक्सेस का दुरुपयोग: एक बार जब उन्हें एक्सेस मिल जाता है, तो हैकर्स संवेदनशील जानकारी चुरा सकते हैं, मैलवेयर इंस्टॉल कर सकते हैं या डिवाइस को लॉक कर सकते हैं और फिर फिरौती मांग सकते हैं.

रिमोट एक्सेस स्कैम से कैसे बचें:

  • अनजान कॉल्स और ईमेल से सावधान रहें: कभी भी अनजान व्यक्ति को व्यक्तिगत जानकारी न दें या रिमोट एक्सेस न करें.

  • सेंडर की पुष्टि करें: किसी भी लिंक पर क्लिक करने या ईमेल का उत्तर देने से पहले ईमेल भेजने वाले की जांच करें और फिशिंग के साइन्स ढूंढे.

  • अजनबियों को रिमोट एक्सेस न दें: वैध संस्थाएं कभी भी आपको फोन या ईमेल पर रिमोट एक्सेस देने के लिए नहीं कहेंगी.

  • मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें: अपने ऑनलाइन अकाउंट के लिए मजबूत पासवर्ड बनाएं और संभव हो तो टू स्टेप वेरिफिकेशन एक्टिव करें.

  • सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें: सुनिश्चित करें कि आपका ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन लेटेस्ट सिक्योरिटी पैच के साथ अपडेटेड हैं.

  • फर्जी टेक्नीकल हेल्प से सावधान रहें: अगर आपको किसी टेक्नीकल हेल्प का कॉल आता है, तो फोन रख दें और कंपनी से सीधे एक वेरिफाइड नंबर या वेबसाइट का इस्तेमाल कर कॉन्टैक्ट करें.