One Nation One Charger: टाइप सी यूएसबी चार्जर दुनिया भर में एक जरूरत बन गया है. कई फोन कंपनियां और मॉडल अपने डिवाइस में टाइप सी चार्जिंग पोर्ट का इस्तेमाल करने लगे हैं. इसका एक बड़ा कारण यूरोपियन यूनियन का है जिसने वन नेशन, वन चार्जर पॉलिसी पेश कर दी है. इसका सीधा मतलब यह है कि सभी फोन केवल टाइप-सी चार्जर को ही सपोर्ट करेंगे. इससे लोगों को कई डिवाइसेज के लिए अलग-अलग चार्जर नहीं रखने होंगे.
सरकार जून 2025 तक फोन और टैबलेट को लेकर यह पॉलिसी लागू कर देगी. वहीं, लैपटॉप के लिए 2026 तक का इंतजार करना होगा. अब कानून को लागू किया ही जा रहा है तो आपको ये भी बता देते हैं कि टाइप-सी चार्जर के बेनिफिट क्या हैं.
टाइप सी चार्जर न केवल दुनिया भर में सबसे आसानी से मिलने वाला चार्जर है बल्कि नॉर्मल यूएसबी चार्जर की तुलना में यह तेजी से भी चार्ज करता है. इसके अलावा, यह केवल फोन पर ही लागू नहीं होता, बल्कि लैपटॉप, टैबलेट और कई वायरलेस डिवाइस पर भी लागू होता है. इनके साथ ही अब यूएसबी टाइप-सी पोर्ट दिया जाने लगा है.
इसके अलावा, टाइप सी चार्जर स्टैंडर्ड चार्जर की तुलना में काफी सस्ते होते हैं और आसानी से मिल भी जाते हैं. जब इन चार्जर्स को अनिवार्य कर दिया जाएगा तो इससे ई-वेस्ट कम हो जाएगा. वन नेशन वन चार्जर पॉलिसी 2024 से यूरोपियन यूनियन में बने सभी फोन के लिए लागू की जाएगी और उसके तुरंत बाद भारत में बने फोन्स पर भी लागू किया जाएगा.
ई-वेस्ट यानी इलेक्ट्रॉनिक कचरा जिसे आसान भाषा में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से फैलने वाला कचरा भी कहा जाता है. जिस इलेक्ट्रॉनिक सामान को आप कबाड़ के तौर पर फेंक देते हैं वो ई-वेस्ट बन जाता है. अगर इसका सही से इस्तेमाल नहीं किया गया तो ये पर्यावरण के लिए खतरनाक बन जाता है.