KYC Fraud: फर्जी कॉल और एसएमएस का जाल…! बैंक अकाउंट हो जाएगा सफाचट
KYC Fraud: अगर आपने अभी तक केवाईसी स्कैम के बारे में नहीं सुना है तो हम आपको यहां इसके बारे में डिटेल दे रहे हैं. केवाईसी स्कैम क्या है और यहै कितने तरह से किया जाता है, चलिए जानते हैं यहां.
Online Scam: KYC के बारे में आपने सुना होगा. इसका मतलब है Know Your Customer. सिम लेने से पहले या किसी भी जरूरी काम को करने से पहले यह कराई जाती है. लेकिन हैकर्स ने इसे भी निशाना बना लिया है और अब लोगों को गुमराह कर KYC फ्रॉड कर रहे हैं. इनका टारगेट लोगों का पैसा चुराना, मनी लॉन्ड्रिंग और गलत एक्टिविटी करना होता है. इसके जरिए यूजर्स के डॉक्यूमेंट्स और वित्तीय जानकारी चुराई जाती है.
नॉर्मल स्कैम में फिशिंग अटैक, फर्जी कॉल और संवेदनशील जानकारी चुराने जैसे काम किए जाते हैं. ऐसे में हर यूजर को पता होना चाहिए कि KYC स्कैम कितने तरीके के होते हैं और इनसे बचा कैसे जा सकता है.
KYC स्कैम क्या है?
KYC स्कैम तब होता है जब स्कैमर व्यक्तियों और संस्थाओं को धोखा देने के लिए केवाईसी कराते हैं. ये स्कैम आमतौर पर फोन कॉल, ईमेल या सोशल मीडिया के जरिए किए जाते हैं. स्कैमर्स खुद को किसी बैंक का प्रतिनिधि या फिर किसी कंपनी का अधिकारी बताते हैं. इसमें कहा जाता है कि अगर ग्राहक अपनी जानकारी शेयर नहीं करते हैं तो उनका अकाउंट बंद किया जाएगा. असल में, ये स्कैमर जानकारी चुराकर आपके अकाउंट को खाली करने या फिर आपकी पहचान चुराने की कोशिश करते हैं.
कितने तरह से होता है KYC स्कैम:
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फिशिंग ईमेल: स्कैमर्स बैंक या वित्तीय संस्थान के नाम से ईमेल भेजते हैं, जिसमें लिंक के जरिए KYC अपडेट करने के लिए कहा जाता है.
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फोन कॉल: स्कैमर फोन करके कहते हैं कि ग्राहक को KYC करानी होगी और अगर नहीं कराई गई तो उनका अकाउंट बंद कर दिया जाएगा.
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SMS स्कैम: इसमें स्कैमर मैसेज भेजते हैं जिसमें लिंक होता है जिस पर क्लिक कर केवाईसी करानी होती है. इसमें भी अकाउंट बंद करने की धमकी दी जाती है.
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सोशल मीडिया: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर यूजर्स से जानकारी मांगी जाती है.
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फर्जी वेबसाइट: एक नकली वेबसाइट बनाई जाती है, जो असली बैंक या वित्तीय संस्थान की तरह दिखती है, और इसके जरिए यूजर्स की जानकारी इकट्ठा की जाती है.