Cyber Crime Golden Hour: साइबर क्राइम आज की दुनिया में एक बड़ी समस्या बन चुका है. ऑनलाइन लेनदेन और सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल के साथ, साइबर क्रिमिनल्स नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं. इतने तरह के फ्रॉड हअगर आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं, तो सबसे पहले आपको गोल्डन आवर के महत्व को समझना चाहिए. शायद काफी कम लोग इस बारे में जानते होंगे, अगर आप नहीं जानते हैं तो चलिए आपको बताते हैं इस बारे में.
साइबर हैकिंग या क्राइम की दुनिया में गोल्डन आवर वह समय है जो साइबर फ्रॉड होने के तुरंत बाद होता है, यानी फ्रॉड होने के बाद एक घंटे का समय. अगर इस समय सही कदम उठा लिया जाए तो पैसे मिलने की संभावना ज्यादा रहती है.
भारत सरकार के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर गोल्डन आवर की अहमियत को बताते हुए एक पोस्ट किया है. इस पोस्ट में बताया गया है कि क्यों इस समय में सही कार्रवाई करना जरूरी है.
साइबर फ्रॉड के तुरंत बाद, गोल्डन आवर में शिकायत दर्ज कराना बेहद ही जरूरी हो जाता है. अगर आप ठगी का शिकार हुए हैं, तो भारत सरकार की साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें. इसके अलावा, साइबर क्राइम पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है. कई मामलों में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की विशेष वेबसाइट पर भी कंप्लेंट रजिस्टर की जा सकती है.
गोल्डन आवर में शिकायत दर्ज कराने से साइबर अपराधियों को ट्रैक करना काफी आसान हो जाता है. अगर आपके पैसे डूब गए हैं तो उनकी रिकवरी में भी मदद मिलती है. जितनी देरी से आप शिकायत दर्ज करते हैं, पैसों की रिकवरी की संभावना उतनी ही कम हो जाती है.