Dark Web Disadvantages: डार्क वेब इंटरनेट का एक हिस्सा है जो नॉर्मल सर्च इंजनों जैसे गूगल, बिंग आदि से अलग होता है. इसे एक्सेस करने के लिए स्पेशल सॉफ्टवेयर, जैसे Tor (The Onion Router) की जरूरत होती है, जो यूजर्स की पहचान और लोकेशन को छिपाकर उन्हें वेब के इस डीप हिस्से का एक्सेस उपलब्ध कराती है. डार्क वेब एक तरह का इंटनरेट है जहां पर कई तरह की एक्टिविटीज की जाती हैं जिसमें अवैध काम भी शामिल हैं. ज्यादातर लोगों को इसके बारे में नहीं पता होता है.
डार्क वेब गुमनाम तरीके से काम करता है जिसके चलते यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है. अगर कोई इसका गलत इस्तेमाल करता है तो वह मुश्किल में फंस सकता है. साथ ही उसे कानूनी समस्याओं का भी सामना कर सकता है. इसलिए, डार्क वेब का इस्तेमाल करते समय बेहद सतर्क रहना चाहिए और इससे जुड़े खतरों से बचने के लिए हमेशा सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए.
गैरकानूनी एक्टिविटीज: डार्क वेब पर कई अवैध एक्टिविटीज होती हैं, जैसे ड्रग्स, हथियारों और चोरी की जानकारी की बिक्री, ह्यूमन ट्रैफिकिंग और हैकिंग सर्विस शामिल हैं.
साइबर हमले और वायरस: डार्क वेब पर मौजूद वेबसाइट्स पर अक्सर वायरस, ट्रोजन और मालवेयर होते हैं, जो किसी भी यूजर के कंप्यूटर में घुसकर उनकी जानकारी चुरा सकते हैं या उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसे साइट्स पर जाने से कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस वायरस से प्रभावित हो सकता है.
डाटा चोरी और पहचान की चोरी: डार्क वेब पर पर्सनल डाटा जैसे बैंक अकाउंट डिटेल्स, पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड नंबर की अवैध बिक्री होती है. यह काम पर्सनल जानकारी चुराने और फिर उसका गलत इस्तेमाल करने के लिए हैकर्स द्वारा किया जाता है.
पब्लिक सेफ्टी के लिए खतरा: डार्क वेब का इस्तेमाल टैरेरिस्ट ग्रुप और क्रिमिनल्स द्वारा आपराधिक एक्टिविटी के लिए किया जाता है. यहां ऐसा कंटेंट और जानकारी उपलब्ध होती है जो सेफ्टी के लिहाज से खतरनाक हो सकती है.
गुमनाम इंटरनेट एक्सेस: डार्क वेब पर छिपी हुई जानकारी को गुमनाम तरीके से एक्सेस किया जा सकता है, लेकिन इसके जरिए किसी की पहचान छिपाने का इस्तेमाल भी गलत कामों के लिए किया जाता है. कई बार, गुमनाम रहते हुए लोग अपराधिक एक्टिविटीज करते हैं.