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किसी की मौत के बाद Aadhaar, PAN, Voter ID का क्या करना चाहिए? जानें

Important Documents After Death: किसी प्रियजन के निधन के बाद उनके आधिकारिक डॉक्यूमेंट्स जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस को संभालना एक मुश्किल काम हो सकता है. कई लोग यह नहीं समझ पाते कि इन डॉक्यूमेंट्स का क्या किया जाए, तो इस आर्टिकल में हम आपको इन्हीं के बारे में बता रहे हैं. 

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Edited By: Shilpa Srivastava
Important Documents After Death

Important Documents After Death: कई बार ऐसे सवाल सामने आते हैं कि किसी के निधन के बाद उनके डॉक्यूमेंट्स का क्या होता है. अगर बात आपके किसी प्रियजन की हो तो उनके बाद आपको ही उनके आधिकारिक डॉक्यूमेंट्स और आइडेंटिटी प्रूफ को संभालना पड़ता है जिसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस शामिल होते हैं. कई लोगों को यह समझ ही नहीं आता है कि इन डॉक्यूमेंट्स के साथ क्या करें या उन्हें रखना चाहिए, रद्द कर देना चाहिए या डिस्ट्रॉय कर देना चाहिए. हालांकि, इस मामले में कोई एक सार्वभौमिक नियम नहीं है, फिर भी हर डॉक्यूमेंट के साथ क्या करना चाहिए, इसके बारे में यहां हम विस्तार से बता रहे हैं. 

आधार कार्ड: आधार कार्ड एक यूनिक आइडेंटिटी नंबर है जो आपकी पहचान और एड्रेस का सर्टिफिकेट है. यह LPG सब्सिडी, स्कॉलरशिप और EPF अकाउंट जैसी सर्विसेज से जुड़ा होता है. अब सवाल यह आता है कि क्या आधार कार्ड रद्द किया जा सकता है? फिलहाल, मृत व्यक्ति का आधार कार्ड रद्द करने की कोई व्यवस्था नहीं है. UIDAI ने अभी तक राज्य के डेथ रजिस्टरों के साथ अपने प्रोसेस को नहीं जोड़ा है तो आधार कार्ड डेथ रजिस्ट्रेशन के लिए अनिवार्य नहीं है.

पैन कार्ड: पैन कार्ड आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने, बैंक और डिमैट अकाउंट्स को ऑपरेट करने और वित्तीय लेन-देन को पूरा करने के लिए आवश्यक होता है. किसी भी मृत व्यक्ति का पैन कार्ड तब तक रखा जाना चाहिए जब तक सभी वित्तीय मामले जैसे ITR फाइलिंग, अकाउंट बंद करना या रिफंड का दावा करने का काम न निपट जाए. इसके बाद पैन कार्ड को सरेंडर कर देना चाहिए.

वोटर आईडी: मृत व्यक्ति के वोटर आईडी को रद्द करने का प्रोसेस आसान है. इसके लिए आपको स्थानीय चुनाव कार्यालय जाना होगा और Form 7 भरकर, मृत्यु प्रमाणपत्र की एक कॉपी देनी होगी. 

पासपोर्ट: मृत्यु के बाद पासपोर्ट को रद्द करने या सरेंडर करने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन जैसे ही इसकी वैधता खत्म हो जाती है तो यह ऑटोमैटिकली बंद हो जाता है. 

ड्राइविंग लाइसेंस: हर राज्य के पास ड्राइविंग लाइसेंस को जारी करने और रद्द करने के अलग-अलग नियम होते हैं. हालांकि, केंद्र से कोई सामान्य नियम नहीं है, फिर भी आप संबंधित RTO से कॉन्टैक्ट करके इसके रद्द करने के प्रोसेस के बारे में जान सकते हैं.