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सिम की लिमिट से लेकर मैसेजिंग पर कंट्रोल तक, समझिए नए Telecom Act से क्या-क्या बदल गया?

New Telecommunications Act: पूरे भारत में बुधवार से नया टेलीकॉम एक्ट लागू हो गया है. इस एक्ट में कुल 62 सेक्शन हैं जिसमें से अभी 39 सेक्शन लागू हुए हैं. नए कानून ने केंद्र और राज्य सरकार को कई तरह के अधिकार दिए हैं. इसके साथ ही इस कानून में सिम कार्ड को लेकर भी कई नियम हैं. सरकार आपातकालीन परिस्थितियों में मैसेज इंटरसेप्ट भी कर सकती है. साथ ही साथ किसी मैसेज के प्रसार को रोक भी सकती है.

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Courtesy: Social Media

New Telecommunications Act: बुधवार 26 जून से देशभर में 'टेलिकम्युनिकेशन एक्ट 2023' लागू हो चुका है. यह नया कानून केंद्र और राज्य सरकार को मैसेज को इंटरसेप्ट करने, उसके प्रसार को रोकने और उस पर एक्शन लेने का अधिकार देता है. ये कानून सरकार को अधिकार देता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से किसी भी टेलिकॉम सर्विस या नेटवर्क और मैनेजमेंट को टेक ओवर करने या उसे सस्पेंड करने का अधिकार भी देता है. इसके साथ ही सिम खरीदने और प्रमोशनल मैसेज को लेकर भी इस कानून में कई तरह के प्रावधान हैं. आइए जानते हैं कि आखिर नए Telecom Act के बाद क्या-क्या बदल गया?

टेलीकम्यूनिकेशन स्ट्रक्चर को नया रूप देने के लिए नया कानून एक रास्ता है. यह कानून सिम मालिकों पर कार्रवाई करने का भी अधिकार देता है.

नहीं खरीद सकते 9 से ज्यादा सिम!

टेलिकम्युनिकेशन एक्ट 2023 के अनुसार भारत के लोग अपने पूरे जीवन में 9 सिम कार्ड ही ले सकते हैं. अगर कोई अपने जीवनकाल में 9 से ज्यादा सिम लेता है तो उसके ऊपर जुर्माना लगाया जाएगा.

अगर आपने 9 सिम की संख्या को पार कर दिया है तो आप पर  50 हजार रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

जुर्माने के साथ होगी जेल

अगर आप गलत तरीके से सिम लेते हुए पकड़े जाते हैं तो आप पर 50 लाख रुपये जुर्माना लगेगा या 3 साल की जेल होगी या फिर दोनों.

इमरजेंसी में सरकार कर सकती है ये काम

टेलिकम्युनिकेशन एक्ट 2023 के अनुसार आपातकालीन स्थिति में सरकार किसी भी मैसेज के प्रसार को रोक सकती है. इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर सरकार किसी भी मैसेज को इंटरसेप्ट भी कर सकती है. इस कानून की सभी धाराएं लागू होती ही पुराने सभी टेलीकॉम कानून खत्म हो जाएंगे.

इस अधिनियम की धारा 20 (2) के तहत सरकार सार्वजनिक सुरक्षा के हित में और सार्वजनिक आपातकाल के दौरान किसी भी संदेश के प्रसारण को रोक सकती है.  

व्हाट्सएप ने किया था विरोध

व्हाट्सएप, सिग्नल और टेलीग्राम जैसे इंटरनेट आधारित मैसेजिंग सेवा प्रदाताओं के माध्यम से भेजे गए संदेश, साथ ही एन्क्रिप्टेड संदेश भी इस अधिनियम के दायरे में आते हैं.

जब यह कानून पास हुआ था तो व्हाट्सएप ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख करते हुए बताया था कि यदि उसे मैसेजों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए कहा जाता है, तो सोशल मैसेजिंग व्हाट्सएप भारत से बाहर निकल जाएगा.

प्रमोशनल मैसेज के लिए यूजर से अनुमति जरूरी

टेलीकम्यूनिकेशन कंपनियों को प्रमोशनल मैसेज भेजने से पहले यूजर की परमिशन लेने की जरूरत होगी. किसी भी कंपनी द्वारा बिना यूजर के सहमति के भेजे गए मैसेज को टेलीकॉम कंपनियां निलंबित कर सकती हैं. अगर ऐसा नहीं हुआ तो संबंधित टेलीकॉम ऑपरेटर पर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है साथ ही साथ उस पर बैन भी लग सकता है.

39 सेक्शन हुए लागू

नए टेलिकम्युनिकेशन एक्ट 20 दिसंबर 2023 को लोकसभा और 21 दिसंबर को राज्यसभा से पारित हुआ था. इस कानून में कुल 62 सेक्शन हैं जिसमें से अभी 39 सेक्शन लागू हो गए हैं.