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विदेशी क्लाइंट से बात करने के लिए इंडियन एक्सेंट को छिपा रहे भारतीय कर्मचारी, AI के जरिए दे रहे अंजाम, रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

दुनिया की सबसे बड़ी कॉल सेंटर ऑपरेटर, टेलिपरफॉर्मेंस, पश्चिमी ग्राहकों के लिए इंडियन एक्सेंट को छिपाने के लिए AI का इस्तेमाल कर रही है. इससे जुड़ी रिपोर्ट भी सामने आई है.

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AI Use In Call Centres: हाल ही में एक रिपोर्ट् सामने आई है जिसमें पता चला है कि दुनिया की सबसे बड़ी कॉल सेंटर ऑपरेटर टेलीपरफॉर्मेंस पश्चिमी देशों के कस्टमर के लिए भारतीय बोली न सामने आने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर रही है. फ्रांसीसी कंपनी ने कहा कि वह लाइन पर बात करते समय दो लोगों के बीच कंफर्ट बढ़ाने के लिए फोन कॉल पर रीयल-टाइम AI सॉफ्टवेयर का यूज कर रही है.

टेलीपरफॉर्मेंस के कई देशों में कार्यालय हैं, जिनमें भारत भी शामिल है, जहां इसके 90,000 कर्मचारी हैं और अन्य देशों में हजारों कर्मचारी हैं. UK में कंपनी के कस्टमर में सरकार, वोडाफोन, ईबे और नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) शामिल हैं.

क्या है Sanas? 

कंपनी अमेरिकी फर्म सनस (Sanas) के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करती है, जो सिस्टम को ज्यादा समझदार बनाने में मदद करता है और गलत कम्युनिकेशन को कम करता है. इसने यह भी कहा कि यह भारत में इसे पेश करने के बाद AI तकनीक का विस्तार अन्य देशों में भी करेगा.

कंपनी ने क्या कहा?

टेलीपरफॉर्मेंस के थॉमस मैकेनब्रॉक ने कहा, 'यह एक ऐसी तकनीक है जो हमें बिना किसी डेटा स्टोरेज के रियल टाइम में बोली को नॉर्मल करता है. हमने सबसे पहले भारत में ग्राहकों के साथ Sanas को लागू किया है. कभी-कभी, भारत में लोगों को बात करने में कठिनाई होती है और अमेरिका के ग्राहकों के साथ भी ऐसा ही होता है.

थॉमस मैकेनब्रॉक ने कही ये बात

कंपनी के अनुसार, कॉल सेंटर ऑपरेटरर्स को यह तकनीक पसंद है और यह भारत और फिलीपींस जैसे देशों में अधिक अवसर पैदा करती है, जहां ज्यादातक काम करने वाले लोग अंग्रेजी में बातचीत करते हैं. एक रिपोर्ट् के मुताबिक, Sanas की तकनीक के प्रदर्शन ने भारतीय लहजे को एक खास अमेरिकी लहजे में बदल दिया और बैकग्राउंड का शोर कम हो गया.