Malware Downloader: Peaklight एक ऐसा मैलवेयर है जो उन लोगों को टारगेट कर रहा है जो अपनी डिवाइस में अवैध साइट पर जाकर कोई फिल्म डाउनलोड करते हैं. यह मैलवेयर यूजर के कंप्यूटर को पूरी तरह से बेकार कर देता है. यह डिवाइस में वायरस फैला देता है. Google की साइबर सुरक्षा कंपनी मैंडिएंट के सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने चेतावनी दी है कि अवैध मूवी साइटों पर जाने से कानूनी परिणाम और पीकलाइट जैसे मैलवेयर के संपर्क में आने समेत कई जोखिम हैं.
यह मैलवेयर पूरी तरह से कंप्यूटर की मेमोरी में काम करता है. इसकी खासियत यह है कि यह हाई ड्राइव पर कोई निशान भी नहीं छोड़ता है, ऐसे में इसे पहचान पाना मुश्किल हो जाता है. सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने बताया है कि पीकलाइट का उद्देश्य इंफेक्टेड विंडोज सिस्टम पर हानिकारक सॉफ्टवेयर को चुपचाप डाउनलोड करना है.
साइबर क्रिमिनल्स मैलवेयर को फर्जी फिल्म डाउनलोड के जरिए फैला रहे हैं. हैकर्स खतरनाक विंडोज शॉर्टकट फाइलों (LNKs) को जिप फोल्डरों में छिपा देते हैं. यह किसी पॉपुलर मूवी की तरह दिखते हैं. जैसे ही यूजर इन्हें खोलते हैं तो यह वायरस एक्टिव हो जाता है.
यह एक कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN) से कनेक्ट होता है जो हानिकारक जावास्क्रिप्ट कोड छुपाता है. यह कोड सीधे कंप्यूटर की मेमोरी में एग्जीक्यूट करता है जिससे सिस्टम की हार्ड ड्राइव पर कोई निशान नहीं मिलता. ऐसा करने पर मैलवेयर डाउनलोडर को सक्रिय कर देता है.
पीकलाइट एक डाउनलोडर के तौर पर काम करता है जो रिमोट सर्वर से अतिरिक्त मैलवेयर को डाउनलोड करता है. इनमें ऐसे खतरनाक प्रोग्राम शामिल हो सकते हैं जैसे लुम्मा स्टीलर, हाईजैक लोडर और क्रिप्टबॉट, जो यूजर के डाटा को चुरा सकते हैं. इससे हैकर्स को यूजर के कंप्यूटर का एक्सेस मिल जाता है.
सबसे पहले तो आपको ये ध्यान रखना है कि किसी भी अवैध वेबसाइट पर नहीं जाना है. साथ ही किसी लिंक पर गलती से भी क्लिक नहीं करना है. संदिग्ध वेबसाइट पर जाकर आपको किसी भी मूवी को डाउनलोड नहीं करना है.