Indias Got Latent Row: पॉपुलर शो इंडियाज गॉट लेटेंट पर यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया द्वारा की गई विवादित टिप्पणी के बाद उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले ने न केवल सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया है, बल्कि अब सरकार को भी इसमें दखल देना पड़ा है.
केंद्र सरकार ने OTT प्लेटफॉर्म्स को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि उन्हें कोड ऑफ एथिक्स का पालन करना होगा. साथ ही, सरकार ने A-रेटेड कंटेंट के लिए एक्सेस कंट्रोल लागू करने के निर्देश दिए हैं, जिससे बच्चों को अनुचित कंटेंट देखने से रोका जा सके.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर OTT प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया पब्लिशर्स को चेतावनी दी है. सरकार के अनुसार, मंत्रालय को विभिन्न स्रोतों से यह शिकायतें मिली हैं कि कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील, पोर्नोग्राफिक और भद्दे कंटेंट प्रसारित किए जा रहे हैं. सरकार ने कहा है कि ऐसा कोई भी कंटेंट जो कानूनन प्रतिबंधित है, उसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर स्थान नहीं मिलना चाहिए.
सरकार ने OTT प्लेटफॉर्म्स की सेल्फ-रेगुलेटरी बॉडीज को अधिक जिम्मेदारी लेने की सलाह दी है और उन्हें सुनिश्चित करने को कहा है कि वे नियमों का पालन करें. इसके तहत OTT प्लेटफॉर्म्स को यह देखना होगा कि उनके द्वारा प्रसारित किया जाने वाला कंटेंट भारतीय कानूनों का उल्लंघन न करे.
यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया द्वारा समय रैना के शो इंडियाज गॉट लेटेंट में दिए गए विवादित बयान के चलते उनके खिलाफ कई राज्यों में FIR दर्ज हो चुकी हैं. उनकी टिप्पणी को लेकर लोगों में नाराजगी है, और सोशल मीडिया पर भी यह मामला लगातार चर्चा में बना हुआ है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में संज्ञान लिया और सरकार से पूछा कि वह अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट को रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि इस मामले में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर जरूरत पड़ी तो वह OTT प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया पर सख्त नियम लागू करने के लिए तैयार है.
सरकार ने साफ कर दिया है कि जो भी OTT प्लेटफॉर्म्स या सोशल मीडिया चैनल्स नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मंत्रालय ने OTT कंपनियों से कहा है कि वे अपनी कंटेंट मॉडरेशन नीतियों को मजबूत करें और भारतीय समाज की सांस्कृतिक और नैतिक सीमाओं का सम्मान करें.
इस विवाद के चलते OTT प्लेटफॉर्म्स पर भी दबाव बढ़ गया है और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे सरकार के इन नए दिशा-निर्देशों को कैसे अपनाते हैं.