NPCI UPI Meeting: यूपीआई को मैनेज करने वाली संस्था नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने कथित तौर पर एक मीटिंग की. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मीटिंग में बड़े गूगल पे और फोन पे जैसे बड़े प्लेयर्स को नहीं बुलाया गया. खबरों की मानें एनपीसीआई की इस मीटिंग में यूपीआई के छोटे प्लेयर्स शामिल थे.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार नए यूपीआई प्लेयर्स को इन्वेस्ट करने और कंज्यूमर तक उन्हें पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. क्रेड, स्लाइस, फैमपे, जोमैटो, ग्रो और फ्लिपकार्ट इन हाउस यूपीआई के जरिए अपना मार्केट बेस बढ़ाना चाहते हैं.
गौर करने वाली बात यह कि UPI के बड़े प्लेयर गूगल पे, फोन पे और पेटीएम को इस NPCI की मीटिंग में इनवाइट नहीं किया गया. इसका कारण यह हो सकता है कि इन तीनों प्लेयरों का मार्केट पर 90% कब्जा है.
एनपीसीआई के सूत्रों के मुताबिक वह छोटे थर्ड पार्टी एप्लीकेशन प्रोवाइडर को बढ़ावा देना चाहती है. इसके लिए वह इनसाइट भी इकठ्ठा कर रही है कि कैसे इन प्लेयरों का यूजर बेस बढ़ाया जाए.
हाल ही में पेटीएम पेमेंट बैंक पर आरबीआई का चाबुक चलने के बाद गूगल पे और फोनपे इस समय मार्केट के लीडर बने हुए है. पेमेंट बैंक बंद होने से उसके बहुत से यूजर्स गूगल पे और फोन पे में बट गए.
NPCI की इस मीटिंग में नए यूपीआई प्लेयर्स ने सरकार से अपनी मांगों को लेकर बात रखी है. जिस तरह से रुपे कार्ड के लिए जीरो मर्चेंट डिस्काउंट रेट स्कीम है कुछ इसी तरह की मांग नए प्लेयर्स ने की है.
अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि गूगल पे और फोनपे जैसे बड़े प्लेयरों का दबदबा खत्म हो जाएगा? एनपीसीआई चाहता है कि मार्केट में सभी यूपीआई ऐप्स का इस्तेमाल बढ़े. सिर्फ 2 या 3 ही यूपीआई ऐप्स का दबदबा न रहे. दबदबा रहने पर ये ऐप्स अपनी मनमानी कर सकते हैं.