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India Daily

लोगों के दिमाग में लगेगी Brain Chip, फिर चलने लगेगा पैरालाइज्ड इंसान, जानें इसके बारे में

एलन मस्क की कंपनी Neuralink ने अपना पहला ह्यूमन ब्रेन इंप्लांट पूरा कर लिया है. व्यक्ति की रिकवरी भी हो रही है. मस्क ने इसे लेकर पोस्ट भी किया है. 

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Edited By: Shilpa Srivastava
Neuralink First human implant
Courtesy: Canva

हाइलाइट्स

  • Neuralink ने किया अपना पहला ह्यूमन ब्रेन इंप्लांट 
  • मस्क ने किया X पर पोस्ट

एक ऐसा बदलाव होने जा रहा है जो दुनिया को बदलकर रख देगा. एलन मस्क ने घोषणा कर बताया है कि उनके न्यूरोटेक्नोलॉजी स्टार्टअप Neuralink ने पहले ह्यूमन ट्रायल के दौरान इंसानी दिमाग में चिप इंप्लांट कर दी है जो सक्सेसफुल रहा है. इस चिप को सर्जरी के जरिए दिमाग में इंप्लांट किया गया है. इसका साइज एक सिक्के के जितना है. यह इंसानी दिमाग और कंप्यूटर के बीच डायरेक्ट कम्यूनिकेशन का एक रास्ता है. 

मस्क ने X पोस्ट के जरिए बताया है कि हमारा पहला ह्यूमन ट्रायल कामयाब रहा है. शुरुआती रिजल्ट काफी अच्छे रहे. यहां देखें पोस्ट: 

इस चिप के जरिए मानव जीवन को काफी सुविधा मिलेगा. इसके जरिए पैरालिसिस वाला व्यक्ति चल पाएगा और दृष्टिहीन व्यक्ति देख पाएगा. इसका नाम लिंक रखा गया है. एलन मस्क ने कहा था कि व्यक्ति सिर्फ सोचकर ही फोन, कंप्यूटर समेत किसी भी डिवाइस को कंट्रोल कर पाएंगे. इस चिप के शुरुआती यूजर वो होंगे जिनके शरीर के किसी हिस्से ने काम करना बंद कर दिया है. एलन मस्क ने बताया कि Neuralink का पहला प्रोडक्ट Telepathy होगा. यहां देखें पोस्ट:

कब मिली थी मंजूरी:
बता दें कि सितंबर 2023 में ब्रेन-चिप कंपनी Neuralink को मंजूरी दी गई थी. यह मंजूरी कंपनी को अपने पहले ह्यूमन ट्रायल के लिए दी गई थी जिसमें इंडिपेंडेंट इंस्टीट्यूशनल रीव्यू बोर्ड से रिक्रूटमेंट शामिल था. आसान भाषा में समझा जाए तो कंपनी उन लोगों को भर्ती करेगी जो जिन पर इस डिवाइस का ट्रायल किया जाएगा. बता दें कि Neuralink के पूरे ट्रायल में करीब 6 साल का समय लग सकता है. 

किन लोगों को किया गया भर्ती:
इस ट्रायल के लिए उन लोगों को लिया गया है जिनके सर्वाइकल स्पाइनल कॉर्ड में चोट लगी थी या फिर जिन्हें क्वाड्रिप्लेजिया है. न्यूनतम 22 साल उम्र का होना जरूरी है. कंपनी इन लोगों को ट्रैवल एक्सपेंस भी देगी.