Tech News: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने गूगल, मेटा, एक्स और अन्य सहित प्रौद्योगिकी दिग्गजों से अपने प्लेटफॉर्म पर बच्चों की उम्र की पुष्टि करने के तरीके खोजने को कहा है. एक रिपोर्ट क अनुसार, मंत्रालय ने इन कंपनियों से कहा है कि इसके लिए सरकार उन्हें कोई तरीका नहीं बताएगी, इसके बजाय कंपनियों को सरकार द्वारा डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) अधिनियम का अनुपालन करने के लिए अपने स्वयं के, तकनीक सक्षम तरीकों का पता लगाने की सलाह दी गई है.
मंत्रालय ने IT एक्सपर्ट्स के साथ की बैठक
रिपोर्ट के अनुसार, यह बैठक इसलिए आयोजित की गई क्योंकि मंत्रालय बच्चों की उम्र की पुष्टि करने के एक भी फुल प्रूफ तरीके को खोजने में असमर्थ था. पहले मंत्रालय ने इसके लिए बच्चों के आधार या उनका डिजिटल लॉकर का इस्तेमाल करने की योजना बनाई थी लेकिन यह तरीका मंत्रालय को उचित नहीं लगा.
क्या है DPDP एक्ट
DPDP एक्ट, 2023, 18 साल से कम उम्र के बच्चों को परिभाषित करता है. इस एक्ट में डिजिटल पर्सनल डेटा की प्रोसेसिंग का प्रावधान इस प्रकार किया गया है जो व्यक्तियों के अपने व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के अधिकार तथा वैध उद्देश्यों के लिए ऐसे व्यक्तिगत डेटा को संसाधइत करने की आवश्यकता, दोनों को मान्यता देता है.
अधिनियम की धारा 9 के तहत सोशोल मीडिया प्लेटफॉर्म को बच्चे के किसी भी व्यक्तिगत डेटा को संसाधित करने से पहले माता-पिता से वेरिफिकेशन की सहमति लेनी होगी. यह कानून बच्चों के व्यवहार की निगरानी या बच्चों पर लक्षित ऐड को ट्रैक करने पर भी रोक लगाता है.
बैठक के दौरान, आईटी मंत्रालय ने DPDP एक्ट की धारा (8) (4) का हवाला दिया जिसके अनुसार प्लेटफॉर्म को इस एक्ट के नियमों के प्रावधानों का प्रभावी पालन सुनिश्चित करने के लिए उचित तकनीकी और संगठनात्मक उपायों को लागू करना आवश्यक है.