फेक गानों ने लूटे 10 मिलियन डॉलर, 7 साल तक चलता रहा खेल, कैसे हुआ ये नया AI Scam

Musician Fraud: आपने क्यूआर कोड स्कैम, इन्वेस्टमेंट स्कैम जैसे घोटाले देखे हैं लेकिन आज हम आपको गाने से संबंधित एक फ्रॉड के बारे में बता रहे हैं जो 7 साल तक चला. हाल ही में स्ट्रीमिंग सर्विसेज को धोखा देने के आरोप में एक अमेरिकी म्यूजिशियन माइकल स्मिथ पर फेडरल चार्जेज लगाए गए हैं. चलिए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में.

Freepik
India Daily Live

Musician Fraud: ऑनलाइन स्कैम तो बहुत ज्यादा हो रहे हैं लेकिन इस बार जो हुआ है वो कुछ अलग है. एक अमेरिकी म्यूजिशियन माइकल स्मिथ पर हाल ही में स्ट्रीमिंग सर्विसेज को धोखा देने के आरोप में फेडरल चार्जेज लगाए गए हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, स्मिथ ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स का इस्तेमाल करके फेक गाने बनाए जिन्हें स्पॉटिफाई, एप्पल म्यूजिक और अमेजन म्यूजिक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर स्ट्रीम किया. यह करना स्मिथ को काफी भारी पड़ गया है. 

इन फेक गानों को हजारों फर्जी प्रोफाइल्स और बॉट्स की मदद से लोकप्रिय बनाया गया है. इन्हें इतना पॉपुलर किया गया इनके जरिए स्मिथ ने 7 साल तक 10 मिलियन डॉलर की रॉयल्टी कमाई. चलिए जानते हैं कि 7 साल तक उन्होंने यह स्कैम किया कैसे.

स्मिथ ने कैसे किया धोखा:

स्मिथ ने AI का इस्तेमाल किया और हजारों फेक सॉन्ग्स बनाएं जो कि किसी काल्पनिक बैंड नाम के तहत बनाए गए थे. उदाहरण के लिए, बैंड के नाम जैसे Callous Post, Calorie Screams, और Calvinistic Dust और गानों के नाम जैसे Zygotic Washstands, Zymotechnical, और Zygophyllum.

इन सभी गानों की प्ले काउंट्स को बढ़ाने के लिए बॉट्स का सहारा लिया गया. 10,000 फर्जी प्रोफाइल्स को बनाया जिससे स्ट्रीमिंग डाटा में बहुत ज्यादा एबनॉर्मल बढ़ोतरी न दिखे और इसके बाद ये गानें मेन स्ट्रीमिंग चार्ट्स पर टॉप पर चले गए. 2018 में एक डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने धोखाधड़ी की आशंका जताई, लेकिन स्मिथ ने कहा कि वो कोई भी गलत काम नहीं कर रहे हैं. 

स्मिथ पर हुई कानूनी कार्रवाई: 

स्मिथ पर वायर फ्रॉड और मनी लॉन्डरिंग कंस्पिरेसी के आरोप लगाए गए हैं. इसके लिए 20 साल की सजा का प्रावधान है. इन्हें बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया. यूएस अटॉर्नी ने स्मिथ के इस काम की कड़ी निंदा की है. यह कहते हुए कि वास्तविक कलाकारों के अधिकारों का उल्लंघन किया है. यह मामला स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म की निगरानी और धोखाधड़ी से सिक्योरिटी को लेकर चिंता को और बढ़ाता है.