Social Media Hacking Alert: मेटा ने कई कंपनियों के खिलाफ एक्शन लिया है जो यूजर्स पर लगातार नजर रख रही थीं. iOS, एंड्रॉइड और विंडोज यूजर्स की जासूसी की जा रही थी और उनकी जानकारी चुराई जा रही थी. हैकर्स, यूजर्स की डिवाइसेज में स्क्रैपिंग फिशिंग एक्टीविटीज और सोशल इंजीनियरिंग जैसे काम कर रहे थे. इस तरह की एक्टिविटी फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर किया जा रहा था. यह कैसे किया गया था और क्या-क्या जानकारी चुराई गई थी, इसे जानने से पहले ये जानते हैं कि इस काम में कौन-सी कंपनियां शामिल थीं.
इन कंपनियों ने की थी जासूसी: मेटा की एडवर्सेरियल रिपोर्ट के अनुसार, इस लिस्ट में इटली, स्पेन और यूएई की 8 कंपनियां शामिल हैं. इस लिस्ट में Cy4Gate/ELT Group, RCS Labs, IPS Intelligence, Variston IT, TrueL IT, Protect Electronic Systems, Negg Group और Mollitiam Industries शामिल हैं. ये iOS, एंड्रॉइड और विंडोज यूजर्स को टारगेट कर रहे थे.
चुराई गई ये जानकारी:
इस मामले में यूजर्स की कैलेंडर, ईमेल, SMS, कॉन्टैक्ट्स, मीडिया, लोकेशन, फोजो, सोशल मीडिया, मैसेजिंग ऐप्स जैसी डिटेल्स चुराई गई थीं. इस काम में जिस मैलवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा था वो यूजर के डिवाइस के कैमरा, स्क्रीनशॉट और माइक्रोफोन को पूरी तरह से एक्सेस कर पा रहा था.
कैसे हैक की जानकारी:
इस हैकिंग में हैकर्स ने एक अलग तरीके का इस्तेमाल किया था. एक अलग तरह का SMS MM1_notification का यूज किया गया था. इस तरह के मैसेज में यूजर को एक मैसेज रिसीव होता था जिसमें लिखा होता था कि MMS को रिट्रीव किया जा सकता है.
किन प्लेटफॉर्म को किया गया टारगेट:
इस लिस्ट में स्नैपचैट, गेट्र, वीके, ट्विच, एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम, रेडिट, गूगल, लिंक्डइन, रेडिट, टेलीग्राम, टिकटॉक, वाइबर, यूट्यूब, स्काइप, गिटहब, फ्लिकर, टम्बलर, क्वोरा शामिल हैं.