Mark Zuckerberg FTC Case: क्या आप जानते हैं कि मेटा के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने एक केस को सैटल करने के लिए 1 बिलियन डॉलर दिए हैं. दरअसल मेटा और यूएस फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) के बीच एक मामला चल रहा है. FTC ने Meta पर आरोप लगाया है कि उसने अपने कॉम्पेटीटर्स इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप को खरीदकर कॉम्पेटीशन को नुकसान पहुंचाया है. साथ ही कहा है कि मेटा ने इन कंपनियों को इसलिए खरीदा है जिससे उन्हें टक्कर देने की जरूरत न पड़े और सोशल मीडिया मार्केट में उनकी मोनोपोली रह पाए.
मार्च में एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसके अनुसार, जुकरबर्ग ने इस केस को सैटल करने के लिए एफटीसी के प्रमुख से कॉन्टैक्ट किया था और इस मामले को 450 मिलियन डॉलर में निपटने की कोशिश की थी. लेकिन जब यह मामला कोर्ट में जाने ही वाला था तब जुकरबर्ग ने यह राशि बढ़ाकर 1 बिलियन डॉलर कर दी थी. लेकिन FTC ने इसे ठुकरा दिया, क्योंकि FTC की मांग थी कि Meta कम से कम 18 बिलियन डॉलर और एक कंसेंट लेटर पर राजी हो.
इसके अलावा रिपोर्ट में इस बात को भी बताया गया था कि जुकरबर्ग ने डोनाल्ड ट्रंप से भी मदद मांगी थी. वो इस मुकदमे को रोकने के लिए काफी कोशिश कर रहे थे. वहीं, यह बात भी सामने आई थी कि मेटा ने ट्रंप के शपथ ग्रहण प्रोग्राम के लिए 1 मिलियन डॉलर दिए थे और एक 25 मिलियन डॉलर के केस को सुलझाया था.
हालांकि, अब इस केस का ट्रायल शुरू हो चुका है. जुकरबर्ग को गवाही देने के लिए बुलाया गया लेकिन वो कुछ घबराए हुए नजर आए. अगर केस का फैसला एफटीसी के हक में जाता है तो मेटा को दोनों कंपनियां बेचनी पड़ सकती हैं. इससे उनके बिजनेस को काफी नुकसान पहुंच सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि 2025 तक इंस्टाग्राम से Meta को अमेरिका में आधे से ज्यादा विज्ञापन की कमाई होने की उम्मीद है.
Meta ने FTC द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है. साथ ही कहा है कि वो कॉम्पेटीटिव मार्केट में काम कर रहे हैं जिसमें टिकटॉक, यूट्यूब, स्नैपचैट और एप्पल आईमैसेज जैसी कंपनियां शामिल हैं. जुकरबर्ग का कहना है कि इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप को खरीदने का मकसद इनोवेशन को बेहतर बनाना है.
FTC के पास इस केस से संबंधित एक सबूत है जो कि 2012 का एक ईमेल है. इसमें जुकरबर्ग ने लिखा था कि इंस्टाग्राम को खरीदना कॉम्पेटिशन खत्म करने का एक तरीका हो सकता है. जुकरबर्ग ने यह माना है कि यह मेल असली है लेकिन उनका कहना है कि यह केवल इंटरनल बातचीत थी और यह कंपनी के किसी प्लान को नहीं दिखाती है. बता दें कि यह ट्रायल 8 हफ्ते चलेगा.