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गुर्दे की पथरी टूटने पर दिखने लगते हैं शरीर में ये लक्षण, जानेंगे तो नहीं करेंगे ये गलती

गुर्दे की पथरी (किडनी स्टोन) एक आम स्वास्थ्य समस्या है, जो अधिकतर असंतुलित खानपान, पानी की कमी और कुछ विशेष स्थितियों के कारण होती है. जब यह पथरी टूटती है या मूत्रमार्ग से बाहर निकलने लगती है, तो शरीर में कई लक्षण नजर आते हैं, जो समझने और सावधान रहने के लिए जरूरी हैं.

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Edited By: Reepu Kumari
Kidney Stones
Courtesy: Pinteres

Kidney Stones: गुर्दे की पथरी एक सामान्य लेकिन कष्टदायक समस्या है. यह पथरी खनिज और नमक के कणों के जमाव के कारण बनती है. छोटी पथरियां अक्सर बिना किसी समस्या के शरीर से बाहर निकल जाती हैं.

 लेकिन बड़ी पथरियों के टूटने पर शरीर में कई लक्षण दिखाई देने लगते हैं. इन लक्षणों को पहचानना और समय पर सही इलाज करना बेहद जरूरी है.

गुर्दे की पथरी टूटने के सामान्य लक्षण

1.तेज दर्द

पथरी के टूटने पर सबसे आम लक्षण पेट के निचले हिस्से, पीठ या कमर में अचानक तेज दर्द होता है. यह दर्द बहुत तीव्र होता है और समय-समय पर बढ़ता-घटता रहता है.

2. मूत्र में खून

पथरी टूटने के कारण मूत्र मार्ग में चोट लग सकती है, जिससे पेशाब में खून आ सकता है. यह एक गंभीर संकेत है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

3. मूत्र मार्ग में जलन

पेशाब करते समय जलन या दर्द महसूस होना भी पथरी टूटने का संकेत हो सकता है.

4.जी मिचलाना और उल्टी

पेट में दर्द के साथ जी मिचलाना या उल्टी की समस्या पथरी के कारण हो सकती है.

5. बार-बार पेशाब आना

पथरी टूटने के बाद मूत्र मार्ग में रुकावट के कारण पेशाब बार-बार और थोड़ी मात्रा में आ सकता है.

6.बुखार और ठंड लगना

अगर पथरी के कारण संक्रमण हो जाए, तो बुखार और ठंड लगने जैसे लक्षण दिख सकते हैं.

गुर्दे की पथरी से बचाव के उपाय

पर्याप्त पानी पिएं: शरीर को हाइड्रेट रखना पथरी बनने से बचाने का सबसे प्रभावी तरीका है.
आहार पर ध्यान दें: ऑक्सलेट और सोडियम की अधिक मात्रा वाले भोजन (जैसे पालक, चाय, चॉकलेट) से बचें.
संतुलित डाइट लें: विटामिन सी और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें.
शारीरिक सक्रियता: नियमित व्यायाम से शरीर स्वस्थ रहता है और पथरी बनने की संभावना कम होती है.

गुर्दे की पथरी का समय पर इलाज और सही देखभाल बेहद जरूरी है. यदि उपरोक्त लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. सही जीवनशैली और खान-पान अपनाकर पथरी से बचा जा सकता है. स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और अपने शरीर के संकेतों को समझें.