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Google पर सर्च करने में इतना पानी और बिजली होती है खर्च! जानकर रह जाएंगे हैरान

AI Energy And Water Consumption: Google पर सर्च कर आप किसी भी सवाल का जवाब हासिल कर सकते हैं. ठीक इसी तरह ChatGPT का इस्तेमाल भी सवाल का जवाब पाने के लिए किया जाने लगा है. किसी भी क्वेरी को सर्च करने के लिए क्या-क्या खपत होता है, क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है? अगर नहीं, तो यहां हम आपको बताएंगे कि एक सर्च क्वेरी के लिए कितनी बिजली और कितने पानी की जरूरत होती है.

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AI Energy And Water Consumption
Courtesy: Canva

AI Energy And Water Consumption: किसी भी सवाल का जवाब पाने के लिए Google सर्च तो आप करते ही होंगे. सवाल का जवाब पाने के लिए गूगल सर्च बेस्ट जगह है. इसके अलावा आजकल ChatGPT का इस्तेमाल भी बहुत ज्यादा होने लगा है. यहां से भी हमें हमारे हर सवाल का जवाब मिल जाता है. किसी भी सवाल को सर्च करते समय क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की है कि हमें अपने सवाल का जवाब इतनी जल्दी कैसे मिल जाता है? या कभी ये सोचा है कि खासतौर से AI गूगल सर्च के दौरान कितनी पावर इस्तेमाल होती है? अगर आपने कभी इन बातों के बारे में नहीं सोचा है तो यहां हम आपको इसी की जानकारी देने जा रहे हैं. 

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ChatGPT पर सर्च की गई एक सिंगल क्वेरी 2.9 वॉट घंटे का इस्तेमाल करता है जो Google सर्च (0.3 वॉट घंटे) से लगभग 10 गुना ज्यादा है. AI की कम्प्यूटेशनल जरूरतें हर 100 दिन में बढ़ रही हैं. अगर AI कामों की बात करें तो यह 26-36% के बीच की दर से तेजी से बढ़ रही है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2028 तक, AI को पावर देने के लिए कंप्यूटिंग पावर, 2021 में आइसलैंड की जितनी एनर्जी से मेल खा सकती है. इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि 2026 तक AI इंडस्ट्री की एनर्जी कंज्प्शन 10 गुना बढ़ सकती है. 

पहले से कहीं ज्यादा पानी इस्तेमाल कर रही है AI टेक्नोलॉजी: 

AI टेक्नोलॉजी सिर्फ बिजली ही नहीं बल्कि पानी का भी इस्तेमाल कर रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि डाटा सेंटर को ठंडा रखने के लिए पानी ता इस्तेमाल करते हैं. उदाहरण के तौर पर- Microsoft ने महज एक साल में एनर्जी कंज्पशन में 34% की वृद्धि देखी है. इसी दौरान, माइक्रोसॉफ्ट ने 4.7 मिलियन क्यूबिक मीटर से बढ़कर 6.4 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की खपत की.

किसी नॉर्मल AI क्वेरी के लिए आधा लीटर पानी की खर्च हो सकता है. कहा जा रहा है कि जैसे-जैसे AI मॉडल ज्यादा कॉम्प्लेक्स होते जाएंगे, पानी की खपत और भी ज्यादा बढ़ जाएगी. 2027 तक, ग्लोबल AI डिमांड 4.2 से 6.6 बिलियन क्यूबिक मीटर मीठे पानी की खपत कर सकती है. इतना पानी पूरे यूके में जितना पानी खपत किया जाता है उसका लगभग आधा है.