Cyber Scam: साइबर क्राइम इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि लोग आए दिन अपना पैसा गवां रहे हैं. कोई हजारों में तो कोई करोड़ों में, हर दूसरा व्यक्ति साइबर क्राइम का शिकार हो चुका है. वैसे तो हम आपको हर तरह के स्कैम के बारे में बताते रहते हैं लेकिन इनकी तादाद इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि अब लोगों को हर तरह के स्कैम से सावधान रहना होगा. इसी के चलते हम आपको यहां अलग-अलग तरह के स्कैम के बारे में बता रहे हैं.
साइबर अटैक अलग-अलग तरह के होते हैं जिनका इस्तेमाल लोगों को चूना लगाने और जानकारी चोरी करने के लिए किया जाता है. आपको हर तरह के अटैक के बारे में पता होना चाहिए जिसमें हम आपकी मदद कर रहे हैं.
फिशिंग: यह अटैक तब होता है जब हैकर एक वैध दिखने वाले ईमेल, मैसेज या वेबसाइट के जरिए यूजर्स से सेंसिटिव जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करता है. इसका उद्देश्य आमतौर पर पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर या अन्य निजी जानकारी चुराना होता है.
मालवेयर: इसमें हानिकारक सॉफ्टवेयर शामि लहोता है जैसे कि वायरस, वर्म्स, ट्रोजन हॉर्स और रैंसमवेयर आदि. मालवेयर का उद्देश्य सिस्टम को नुकसान पहुंचाना, डाटा चुराना या गलत एक्टिविटी करना होता है.
रैंसमवेयर: यह एक अलग तरह का मैलवेयर होता है जो यूजर्स की फाइल्स को एन्क्रिप्ट कर देता है और फिर उन्हें डिक्रिप्ट करने के लिए फिरौती की मांग करता है. यह अटैक सिस्टम को लॉक कर सकता है और जरूरी डाटा को चुरा सकता है.
डीडीओएस (DDoS) अटैक: इस तरह के अटैक में अटैक एक नेटवर्क, सर्वर या वेबसाइट पर ज्यादा मात्रा में ट्रैफिक भेजता है जिससे वो चलना ही बंद हो जाता है. इसका उद्देश्य सर्विस को बाधित करना होता है.
मैन-इन-द-मिडल अटैक: इस अटैक में हैकर कम्यूनिकेशन के बीच में बैठकर डाटा को इंटरसेप्ट करता है और उसे बदल भी सकता है और पढ़ भी सकता है. यह तब होता है जब दो पार्टीके के बीच कम्यूनिकेशन प्रोसेस को ब्लॉक किया जाता है.
SQL इंजेक्शन: इस अटैक में अटैकर एक वेब एप्लिकेशन के SQL डाटाबेस में गलत SQL कोड को एंटर करता है. इसका उद्देश्य डाटाबेस में अनधिकृत एक्सेस या डाटा को बदलना होता है.
क्रेडेंशियल स्टफिंग: इस अटैक में, हैकर्स चुराए गए यूजरनेम और पासवर्ड की लिस्ट का इस्तेमाल करके अलग-अलग साइट्स पर लॉगइन करते हैं. इसका उद्देश्य गलत एक्टिविटी या डाटा चोरी के लिए वैध यूजर अकाउंट को हैक करना होता है.
एक्सप्लॉयट किट्स: ये टूल्स वेब साइट्स या ईमेल अटैचमेंट्स के जरिए यूजर सिस्टम में सिक्योरिटी कमियों का फायदा उठाते हैं और फिर मैलवेयर इन्स्टॉल करते हैं.