Flight WiFi: एयर इंडिया ने अपनी डॉमेस्टिक फ्लाइट्स के लिए इन-फ्लाइट वाई-फाई सेवा शुरू की है, जिससे यात्री अब फ्लाइट के दौरान भी इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे. यह सुविधा एयर इंडिया के ज्यादातर एयरबस फ्लाइट्स में उपलब्ध होगी, जिससे एयर इंडिया को "फर्स्ट मूवर एडवांटेज" मिल सकता है. इस नई सेवा के तहत यात्री अपने फोन, लैपटॉप या टैबलेट पर उड़ान के दौरान इंटरनेट से जुड़ सकेंगे.
इन-फ्लाइट वाई-फाई कैसे काम करता है: फ्लाइट में एक स्पेशल डिवाइस लगाई जाती है जो वाई-फाई सिग्नल पकड़ता है. यह सिग्नल सीधे सैटेलाइट से आता है. जब यात्री अपने डिवाइस पर वाई-फाई चालू करते हैं, तो वह फ्लाइट के वाई-फाई नेटवर्क से जुड़ जाता है. इसके बाद फ्लाइट का सिस्टम सैटेलाइट से इंटरनेट कनेक्शन प्राप्त करता है और यह डाटा यात्रियों के डिवाइस तक पहुंचता है.
वाई-फाई कनेक्टिविटी के लिए सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है. फ्लाइट पर एक ट्रांसमीटर लगाया जाता है, जो सिग्नल को सैटेलाइट की तरफ भेजता है. यह सिग्नल रेडियो तरंगों के जरिए एटमॉसफेयर में ट्रैवल करता है और सैटेलाइट द्वारा कैच किया जाता है. सैटेलाइट इस सिग्नल को जमीन पर स्थित ग्राउंड स्टेशन या सीधे फ्लाइट तक भेजता है.
ग्राउंड स्टेशन या फ्लाइट का ऑनबोर्ड सिस्टम सैटेलाइट से सिग्नल प्राप्त करता है और इसे वाई-फाई नेटवर्क के जरिए यात्रियों के डिवाइस तक पहुंचाता है. इस सिस्टम में फ्लाइट, सैटेलाइट और ग्राउंड स्टेशन के बीच लगातार डाटा ट्रांसमिशन होता रहता है.
कई लोग यह सोचते हैं कि उड़ान के दौरान इंटरनेट का इस्तेमाल फ्लाइट की सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है. लेकिन एयर इंडिया ने सुरक्षा को प्राथमिकता दी है. फ्लाइट के वाई-फाई सिस्टम को फ्लाइट के नेविगेशन और अन्य तकनीकी सिस्टम से पूरी तरह अलग रखा गया है. इससे फ्लाइट की सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ता.
अपने फोन, टैबलेट या लैपटॉप पर वाई-फाई ऑन करें.
वाई-फाई सेटिंग्स में जाएं और Air India Wi-Fi नेटवर्क चुनें.
एयर इंडिया पोर्टल खुलने पर अपना PNR और आखिरी नाम दर्ज करें.
कनेक्ट होते ही आप इंटरनेट का आनंद ले सकते हैं.