How Google Maps Works: गूगल मैप्स दुनिया भर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला नेविगेशन टूल है. हम सब इसका इस्तेमाल रास्तों को जानने और दिशा-निर्देश लेने के लिए करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गूगल मैप्स को रास्तों की जानकारी कहां से मिलती है? गूगल मैप्स डाटा इक्ट्ठा करने के लिए कई टेक्नोलॉजी और सोर्सेज का इस्तेमाल करता है. आइए, जानते हैं इसके काम करने के सिस्टम और डाटा के सोर्सेज के बारे में.
गूगल मैप्स कैसे काम करता है: यह कई तरह से जानकारी आप तक पहुंचाता है. इसमें डाटा कलेक्शन, डाटा प्रोसेसिंग, रियल टाइम डाटा और नेविगेशन और सर्विसेज शामिल हैं. अब यह कैसे होता है, ये भी जान लेते हैं.
सैटेलाइट इमेजरी: गूगल के पास सैटेलाइट्स से प्राप्त हाई क्वालिटी वाली फोटोज होती हैं, जो सड़कों, बिल्डिंग्स और दूसरे जियोग्राफिक फीचर्स को दिखाती हैं.
गूगल स्ट्रीट व्यू: गूगल की स्ट्रीट व्यू कारें सड़क पर घूमकर 360 डिग्री की फोटोज और जानकारी इक्ट्ठा करती हैं. इन कारों में कैमरे और सेंसर लगे होते हैं जो सड़क की चौड़ाई, ट्रैफिक सिग्नल, और सड़क के नाम जैसी जानकारी कैप्चर करते हैं.
यूजर्स डाटा: लाखों लोग गूगल मैप्स का इस्तेमाल करते हैं और अपनी लोकेशन शेयर करते हैं. गूगल इस डाटा से ट्रैफिक की स्थिति और अन्य अहन जानकारी हासिल करता है.
सरकारी और सार्वजनिक डाटा: गूगल लोकल सरकारी एजेंसियों और संस्थाओं से मैप्स, इंफ्रास्टक्चर प्लान और अन्य डाटा प्राप्त करता है.
गूगल का AI और मशीन लर्निंग सिस्टम इक्ट्ठा किए गए डाटा को प्रोसेस करता है. यह सड़कों, बिल्डिंग्स और ट्रैफिक की पहचान करता है. इसके बाद यह सभी डाटा को इस तरह से प्रोसेस करता है, जिससे यूजर्स को सही दिशा-निर्देश मिल सकें.
मोबाइल यूजर्स से डाटा: गूगल मोबाइल यूजर्स से उनकी स्पीड और लोकेशन की जानकारी प्राप्त करता है.
सेंसर और कैमरा: गूगल स्मार्ट ट्रैफिक लाइट और अन्य सेंसर से डाटा प्राप्त करता है, जो ट्रैफिक की स्थिति के बारे में जानकारी देते हैं.
गूगल मैप्स रीयल-टाइम ट्रैफिक स्थिति, शॉर्टकट्स, और वैकल्पिक मार्गों के बारे में जानकारी देता है. इसके अलावा, यह आवाज आधारित नेविगेशन भी देता है जिससे यूजर्स को बिना देखे रास्त मिल जाता है.