Digital Arrest Scam: ‘आपके बच्चे अश्लीलता में फंसे हैं…!’ इस लैटर पर भूलकर भी न करें विश्वास

Digital Arrest Scam: साइबर क्रिमिनल्स कई तरह से आपको फंसाने की कोशिश करते हैं और अब एक सरकारी लैटर भेजा जा रहा है जिसमें आपको बच्चों का नाम लेकर डराया जाता है. यह लैटर पूरी तरह से फेक है, चलिए जानते हैं इसके बारे में.

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Shilpa Srivastava

Digital Arrest Scam: भारत सरकार ने एक साइबर स्कैम के बारे में चेतावनी जारी की है, जो पूरे देश में लोगों को निशाना बना रहा है. इस स्कैम में एक स्कैमिंग लैटर भेजा जा रहा है जिनमें डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाया जाता है. कहा जाता है कि अगर मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. लोग इस लैटर को असली मानकर पैसे दे देते थे. लेकिन इसे लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. 

पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट ने, इस लैटर को फर्जी बताया है. लोगों से अपील की गई है कि वो इस झूठी जानकारी पर विश्वास न करें. ये लैटर आमतौर पर सरकारी एजेंसियों जैसे कि साइबर क्राइम सेल या आयकर विभाग के लेटरहेड और लोगो की नकल करके तैयार किए जाते हैं. इनमें झूठे आरोप और कानूनी कार्रवाई की धमकियां दी जाती हैं, और लोगों से एक फेक नंबर पर कॉन्टैक्ट करने के लिए कहा जाता है. 

सरकार ने चेतावनी दी है, "जिस लैटर में भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) द्वारा जारी किया गया बताया जा रहा है, उसमें लोगों पर कई आरोप लगाए गए हैं और जवाब देने के लिए किया जा रहा है. यह लैटर फर्जी है. ऐसी कोई सूचना सरकार की किसी भी संस्था द्वारा जारी नहीं की गई है."

फर्जी लैटर में क्या लिखा है: 

इसमें लिखा है, "आपके इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) पर साइबर क्राइम की जानकारी मिली है, और आपको बच्चों के अश्लीलता, पोर्नोग्राफी और अन्य गंभीर अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. इस बारे में आपको तुरंत जवाब देना होगा नहीं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी." यह लैटर पूरी तरह से झूठा है और इसका उद्देश्य लोगों से पैसे वसूलना या उन्हें डराना है.

बचना है जरूरी:

  • कभी भी किसी ऐसे ईमेल या कॉल का जवाब न दें, जो पैसे या व्यक्तिगत जानकारी की मांग करे.

  • किसी भी तरह के दावों की वैधता की पुष्टि के लिए संबंधित सरकारी विभाग से सीधे संपर्क करें.

  • इस तरह की धोखाधड़ी के मामले में अधिकारियों को सूचित करें, जिससे अपराधियों को पकड़ने में मदद मिल सके.