Digital Arrest Scam: भारत सरकार ने एक साइबर स्कैम के बारे में चेतावनी जारी की है, जो पूरे देश में लोगों को निशाना बना रहा है. इस स्कैम में एक स्कैमिंग लैटर भेजा जा रहा है जिनमें डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाया जाता है. कहा जाता है कि अगर मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. लोग इस लैटर को असली मानकर पैसे दे देते थे. लेकिन इसे लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है.
पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट ने, इस लैटर को फर्जी बताया है. लोगों से अपील की गई है कि वो इस झूठी जानकारी पर विश्वास न करें. ये लैटर आमतौर पर सरकारी एजेंसियों जैसे कि साइबर क्राइम सेल या आयकर विभाग के लेटरहेड और लोगो की नकल करके तैयार किए जाते हैं. इनमें झूठे आरोप और कानूनी कार्रवाई की धमकियां दी जाती हैं, और लोगों से एक फेक नंबर पर कॉन्टैक्ट करने के लिए कहा जाता है.
सरकार ने चेतावनी दी है, "जिस लैटर में भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) द्वारा जारी किया गया बताया जा रहा है, उसमें लोगों पर कई आरोप लगाए गए हैं और जवाब देने के लिए किया जा रहा है. यह लैटर फर्जी है. ऐसी कोई सूचना सरकार की किसी भी संस्था द्वारा जारी नहीं की गई है."
इसमें लिखा है, "आपके इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) पर साइबर क्राइम की जानकारी मिली है, और आपको बच्चों के अश्लीलता, पोर्नोग्राफी और अन्य गंभीर अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. इस बारे में आपको तुरंत जवाब देना होगा नहीं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी." यह लैटर पूरी तरह से झूठा है और इसका उद्देश्य लोगों से पैसे वसूलना या उन्हें डराना है.
In a letter purportedly issued by the Indian Cyber Crime Coordination Center (I4C), several allegations are being leveled at the recipient & a reply is being sought#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) November 20, 2024
✅This letter is fake
✅No such letter has been issued by any organization under Govt. of India pic.twitter.com/k2stcP6aP5
कभी भी किसी ऐसे ईमेल या कॉल का जवाब न दें, जो पैसे या व्यक्तिगत जानकारी की मांग करे.
किसी भी तरह के दावों की वैधता की पुष्टि के लिए संबंधित सरकारी विभाग से सीधे संपर्क करें.
इस तरह की धोखाधड़ी के मामले में अधिकारियों को सूचित करें, जिससे अपराधियों को पकड़ने में मदद मिल सके.