केंद्र सरकार ने सभी सोशल मीडिया कंपनियों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर शिकंजा कसा है. सरकार ने इन कंपनियों को फर्जी लोन ऐप्स के विज्ञापन हटाने के निर्देश दिए हैं. आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि ये अवैध लोन ऐप्स लोगों को गुमराह करती हैं. अगर इस तरह की ऐप्स पर शिकंजा नहीं कसा गया तो यूजर्स को भारी नुकसान हो सकता है.
मंत्री का कहना है, “अब हम जिन सेक्टर्स पर नकेल कस रहे हैं उनमें से एक धोखाधड़ी वाली लोन ऐप्स के विज्ञापन हैं. इन्हें कई प्लेटफॉर्म्स पर दिखाया जाता है. हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी इस तरह के विज्ञापन नहीं दिखा सकता है क्योंकि ये फेक होते हैं और लोग इस तरह के फ्रॉड में फंस जाते हैं.”
इस साल कई रिपोर्ट्स से पता चला है कि लोग कई फर्जी इंस्टेंट लोन ऐप्स के झांसे में फंसे हैं. ये वो लोग हैं जिन्हें अचानक पैसों की जरूरत पड़ती है और वो हाई इंटरेस्ट रेट पर लोन लेने के लिए मजबूर होते हैं. जब लोग पैसे नहीं चुका पाते हैं तो उन्हें ब्लैकमेल किया जाता है. इस तरह की ऐप्स यूजर्स के हिडेन चार्ज की भी मांग करती हैं.
क्या है आईटी मंत्रालय की एडवाइजरी?
एडवाइजरी में, आईटी मंत्रालय ने निर्देश दिया कि "प्लेटफार्म्स को यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी तरह के फेक लोन ऐप्स या बेटिंग ऐप्स के जाल में यूजर्स न फंसे और अगर ऐसा होता है कि उसकी पूरी जिम्मेदारी इन प्लेटफॉर्म्स की होगी. इसके साथ ही एडवाइजरी में ग्रीवेंस रिड्रसल मैकेनिज्म की भी सलाह दी गई है.
इस महीने की शुरुआत में, सरकार ने संसद को बताया था कि Google ने अप्रैल 2021 और जुलाई 2022 के बीच अपने प्ले स्टोर से 2,500 से ज्यादा फेक लोग ऐप्स को रिमूव किया था. यह फैसला करीब 3,500 से 4,000 लोन ऐप्स को रिव्यू करने के बाद लिया गया था.