Google Search Domain Majorhaul: Google अपने सर्च प्लेटफॉर्म पर एक अहम कदम उठाने जा रहा है. गूगल की घोषणा के अनुसार, यह अब सर्च क्वेरी के लिए Google.co.in जैसे कंट्री कोड टॉप-लेवल डोमेन (ccTLD) का इस्तेमाल नहीं करेगा. इन डोमेन का मेन फोकस यूजर्स को ज्यादा संबंधित लोकल सर्च रिजल्ट उपलब्ध कराना था. हालांकि, पिछले कुछ सालों में गूगल ने काफी कुछ बेहतर करने की कोशिश की है. ऐसे में ये कंट्री स्पेसिफिक डोमेन जरूरी नहीं रहे.
बता दें कि कंपनी ने यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर करने के लिए इन ccTLD से ट्रैफिक को google.com पर रीडायरेक्ट करना शुरू कर दिया है. Google ने सबसे पहले 2017 में सर्च का इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों के लिए लोकल रिजल्ट देना शुरू कर दिया था, फिर चाहे उन्होंने google.com या अपने देश के ccTLD का इस्तेमाल किया हो.
यह बदलाव आने वाले महीनों में धीरे-धीरे लागू किया जाएगा. कंपनी ने अपने ब्लॉग पोस्ट के अनुसार, कुछ यूजर्स को इस बदलाव के दौरान अपने सर्च प्रायोरिटीज फिर से दर्ज करनी पड़ सकती हैं. बता दें कि यह अपडेट यूजर्स के ब्राउजर एड्रेस बार में दिखाई देने वाली चीजों को बदल देगा, लेकिन यह सर्च के फंक्शन को नहीं बदलेगा या Google के राष्ट्रीय कानूनों को प्रभावित नहीं करेगा.
यूरोपीय कॉपीराइट निर्देश (EUCD) का अनुपालन करने के लिए गूगल को कई गलत रिपोर्ट मिली हैं. इनमें इसके ऑपरेशन के लिए न्यूज कंटेंट के महत्व को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया था. इन दावों के जवाब में और नियामकों को ज्यादा ठोस डाटा उपलब्ध करने के लिए, Google ने 8 EU देशों में 1 प्रतिशत यूजर्स के लिए यूरोपीय न्यूज रिजल्ट्स को हटा दिया था जिससे इस कंटेंट केो चेक किया गया और इसका पब्लिक यूज करने के लिए प्रयोग किया गया.
इससे यह निष्कर्ष सामने आया था कि यूरोपीय न्यूज कंटेंट का गूगल के एड रेवन्यू पर कोई असर नहीं पड़ा था. खासकर जब इस कंटेंट को हटाया गया, तो सर्च एड रेवन्यू में कोई अहम बदलान नहीं हुआ. वहीं, सर्च के इस्तेमाल में भी 0.8 प्रतिशत से कम गिरावट आई. इसका मतलब है कि जो गिरावट आई, वह खासतौर से उन सर्च के कारण थी जिनसे गूगल को कम या कोई रेवन्यू नहीं मिल रहा था.