Google Artificial Intelligence: Google का नया एआई सॉफ्टवेयर एक अहम कदम माना जा रहा है. यह टूल इंसानों की तरह काम करेगा. यह न केवल टेक्नोलॉजी के लिहाज से एडवांस होगा बल्कि इसे अलग-अलग क्षेत्रों की मुश्किल से मुश्किल समस्याओं को हल करने के लिए भी डिजाइन किया गया है. चेन ऑफ थॉट प्राम्पटिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके यह एआई सॉफ्टवेयर पहले अलग-अलग साइन और रेफरेंस पर विचार करेगा. इससे लोगों को ज्यादा सटीक रिजल्ट मिलते हैं.
इस टूल का उद्देश्य न केवल सही जवाब देना है बल्कि अलग-अलग समस्याओं के अलग-अलग पहलुओं पर विचार करना और रिसर्च में मदद करना भी शामिल है. Google की यह कोशिश न केवल कॉम्पेटीशन को चुनौती देने के लिए की गई है बल्कि यह यूजर्स को ज्यादा प्रभावी और बेहतर समाधान देने की दिशा में भी बड़ा कदम है. फिलहाल तो इस पर काम चल रहा है, तो लगातार इसकी जानकारी सामने आती ही रहेंगे. अब ये भी जानते हैं कि आखिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस होता क्या है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) लोगों की मदद करने के लिए बनाया गया है. यह तकनीक मशीनों और कंप्यूटर सिस्टम को ह्यूमन जैसी इंटेलिजेंस देता है. इसका उद्देश्य ऐसे प्रोसेस को डेवलप करना है जो डाटा को समझ सके, सीख सके, समस्या हल कर सके और फैसला ले सके. AI अलग-अलग क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाता है, जैसे मशीन लर्निंग, नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग और कंप्यूटर विजन.
इसके जरिए मशीनें अनकंट्रोल्ड डाटा से पैटर्न पहचान सकती हैं, भाषाओं को समझ सकती हैं, और अलग-अलग कामों को ऑटोमैटिकली कर सकती हैं जिससे लोगों की लाइफ आसान हो जाती है.
AI रोगों की पहचानने, डायग्नोस करने और इलाज करने में मदद करता है.
चैटबॉट्स और वर्चुअल असिस्टेंट्स ग्राहक के सवालों का जवाब देने और समस्याओं को हल करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.
AI फाइनेंशियल एनालिसिस, धोखाधड़ी का पता लगाने और इन्वेस्टमेंट के लिए फैसला लेने में मदद करता है.
सेल्फ-ड्राइविंग कारों में AI का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कार ड्राइव करना आसान हो जाता है.
AI एजुकेशन में पर्सनल लर्निंग एक्सपीरियंस, स्टूडेंट्स की प्रोग्रेस को ट्रैक करना और कस्टमाइज्ड स्टडी मैटेरियल उपलब्ध कराना शामिल है.