Unwanted Location Trackers: अगर आपको कई ट्रैक कर रहा है और जानना चाहते हैं कि कौन ट्रैक कर रहा है तो यह खबर आपके लिए है. Google ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि लोग अपने निजी सामान के लिए ब्लूटूथ ट्रैकिंग डिवाइस का इस्तेमाल आजकल ज्यादा करने लगे हैं. लेकिन आजकल इन डिवाइसेज पर भी हैकर्स की नजर पड़ गई है और इनके हैक होने की भी आशंका जताई गई है. Google और Apple ने अननोन ट्रैकर्स के बारे में यूजर्स को सचेत करने के लिए हाथ मिलाया है. चलिए जानते हैं ये दोनों कंपनियां कैसे लगाएंगी इनका पता.
किस तरह काम करेगी गूगल-एप्प्ल की नई सर्विस: Google ने बताया है कि यह नया सिस्टम ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी के जरिए काम करता है. अगर वर्जन 6.0 या उसके बाद से सभी वर्जन पर चलने वाला एंड्रॉइड फोन के साथ काफी समय से कोई अननोन ब्लूटूथ ट्रैकर चल रहा है तो आपके फोन पर एक अलर्ट पॉप अप होगा, जिसमें कहा जाएगा "ट्रैकर आपके साथ ट्रैवल कर रहा है". वहीं, iOS 17.5 पर काम करने वाले आईफोन यूजर्स को यह नोटिफिकेशन आएगी कि कोई आइटम उनके साथ घूम रहा है. यह सिस्टम आपके रजिस्टर्ड ट्रैकर्स को डिटेक्ट कर लेता है और सिर्फ अननोन ट्रैकर्स को ही डिटेक्ट करता है.
इस अलर्ट के जरिए, यूजर्स ट्रैकर तक पहुंच सकते हैं जिससे वो उसे हटाने या उस पर कार्रवाई करने जैसे काम कर पाएंगे. इसके अलावा यूजर्स के पास जो नोटिफिकेशन आएगी उसमें यह भी बताया जाएगा कि ट्रैकर को पूरी तरह कैसे डिसेबल करें. इस बीच, Google ने यह भी बताया कि इस नई पहल में Google और Apple के बीच जो साझेदारी हुई है वो यूजर्स के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी और अवैध ट्रैकिंग को रोका जा सकेगा. Chipolo, eufy, Jio, Motorola और Pebblebee जैसे कई ब्लूटूथ टैग निर्माताओं ने अपने फ्यूचर प्रोडक्ट को इस नए स्टैंडर्ड के साथ कंपेटिबल बनाने की बात कही है.