भारत हाई-एंड मोबाइल फोन के प्रोडक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रमुख कंपोनेंट्स की इम्पोर्ट फीस को कम कर सकता है. अगर ऐसा होता है तो एप्पल जैसी स्मार्टफोन कंपनियों को काफी मदद मिलेगी. सिर्फ यही नहीं, इससे देश के फोन एक्सपोर्ट को भी बढ़ावा मिल सकता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने जा रहा है. इसमें कंपोनेट्स के शुल्क में कटौती की जा सकती है. माना जा रहा है कि इन नए प्रस्तावों को 1 फरवरी के केंद्रीय बजट में शामिल किया जाएगा.
स्मार्टफोन निर्माताओं के लिए हो सकती है अच्छी खबर:
2023 में, Apple ने Samsung को पछाड़ दिया था और भारत का सबसे बड़ा स्मार्टफोन एक्सपोर्टर बन गया था. जून तिमाही में, Apple ने देश के 12 मिलियन स्मार्टफोन में से 49% की शिपिंग की, जबकि सैमसंग की हिस्सेदारी 45% थी. iPhone इम्पोर्ट की बात करें तो 2022 की दूसरी तिमाही में यह 9% से बढ़कर 2023 की तीसरी तिमाही में लगभग आधा रह गया था.
इन कंपोनेट्स पर आयात शुल्क में कटौती हो सकती है:
फोन कंपोनेंट्स पर वर्तमान आयात शुल्क 2.5% से 20% तक है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन, वियतनाम, मैक्सिको और थाईलैंड के लिए भारत में सबसे अधिक आयात शुल्क है.
इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने चेतावनी दी है कि अगर शुल्क ज्या रहा तो स्मार्टफोन इम्पोर्ट में बढ़ोतरी कम हो जाएगी. 2023/24 के बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाई-एंड फोन असेंबली को प्रोत्साहन दिया था और चुनिंदा मोबाइल कैमरा पार्ट्स पर 2.5% शुल्क में कटौती की थी.