Fraud Calls: आजकल फ्रॉड कॉल्स और स्कैम्स में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. लोग अनजान नंबरों से कॉल उठाने में झिझकते हैं, क्योंकि कई बार ये कॉल ठगी का जरिया साबित होती हैं.
लेकिन अब, अनजान नंबरों की पहचान करना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है.
मोबाइल कंपनियां और ऐप डेवलपर्स इस समस्या से निपटने के लिए नए-नए फीचर्स और तकनीक लेकर आ रहे हैं. इनमें से एक महत्वपूर्ण तकनीक है कॉलर आईडी और नंबर ट्रैकिंग ऐप्स, जैसे ट्रूकॉलर, जो अनजान नंबर की पहचान करने में मदद करते हैं. ये ऐप्स उपयोगकर्ता द्वारा साझा किए गए डेटा और उनके बड़े नेटवर्क का उपयोग कर नंबर की पहचान करते हैं।.
इसके अलावा, कई स्मार्टफोन में अब इनबिल्ट कॉलर आईडी फीचर्स आने लगे हैं. जब कोई अनजान नंबर से कॉल आता है, तो यह फीचर कॉल करने वाले का नाम और स्थान दिखाता है. इससे आप तुरंत तय कर सकते हैं कि कॉल उठानी है या नहीं.
भारत सरकार और टेलीकॉम कंपनियां भी इस दिशा में सख्त कदम उठा रही हैं. सरकार ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स को अपने ग्राहकों का केवाईसी (KYC) वेरिफिकेशन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इससे नंबर के असली मालिक की पहचान आसान हो जाती है.
1. कॉलर आईडी ऐप्स का इस्तेमाल करें: ट्रूकॉलर या समान ऐप्स का उपयोग करें.
2. अनजान लिंक पर क्लिक न करें: अगर कॉल के दौरान कोई संदिग्ध लिंक भेजा जाए, तो उसे अनदेखा करें.
3. केवाईसी फ्रॉड से सतर्क रहें: बैंक या किसी कंपनी का नाम लेकर किए गए केवाईसी अपडेट कॉल्स पर भरोसा न करें.
4. रिपोर्ट करें: अगर आपको किसी फ्रॉड कॉल का अनुभव हो, तो तुरंत पुलिस या टेलीकॉम कंपनी को इसकी सूचना दें.
सरकार एक नेशनल कॉलर आईडी सिस्टम लाने की योजना पर विचार कर रही है. इससे हर कॉल करने वाले की पहचान रियल टाइम में हो सकेगी. साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग कर कॉल्स को फिल्टर करने की तकनीक पर काम चल रहा है.
अब, अनजान नंबर से कॉल उठाने में डरने की जरूरत नहीं. सही तकनीक और सतर्कता अपनाकर आप फ्रॉड कॉल्स से बच सकते हैं और ठगी का शिकार होने से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं.