आपकी नौकरी पर काल बनकर आएगा AI, 2030 तक बदल जाएगा काम करने का तरीका!

AI To Replace Human Jobs: Klarna के CEO सेबेस्टियन सिएमियातकोव्स्की ने दावा किया कि AI अब मानवों के अधिकांश काम संभाल सकता है. Klarna ने पिछले साल से नए कर्मचारियों की नियुक्ति रोक दी है, जिससे कर्मचारियों की संख्या 4,500 से घटकर 3,500 हो गई. कंपनी AI और ऑटोमेशन को बढ़ावा दे रही है, जिससे जॉब्स पर खतरे को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

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Shilpa Srivastava

AI To Replace Human Jobs: एक लोकप्रिय फिनटेक कंपनी Klarna जिसे बाय नाउ, पे लेटर" (Buy Now, Pay Later) सेवाओं के लिए जानी जाती है, अब चर्चा में है. कंपनी के CEO, सेबेस्टियन सिएमियातकोव्स्की ने हाल ही में दावा किया कि अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) उन सभी कामों को कर सकता है जो ह्यूमन करते हैं. यह एक बड़ा दावा है और इससे ह्यूमन की जॉब पर बन रहे खतरे को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं. 

एक इंटरव्यू में सिएमियातकोव्स्की ने बताया कि AI अब इतना डेवलप हो चुका है कि यह कंपनी के कई काम को आसानी संभाल सकता है. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि Klarna पिछले साल से नए इम्प्लॉयज को नौकरी नहीं दे रहा है जिससे कंपनी की वर्कफोर्स में धीरे-धीरे कमी आई. पहले 4,500 कर्मचारियों वाली कंपनी अब 3,500 कर्मचारियों तक लिमिटेड हो गई है. Klarna ने नए कर्मचारियों को नहीं जॉब नहीं दी है और इस तरह से कंपनी ने अपने कर्मचारियों की संख्या में कमी की और AI और ऑटोमेशन को बढ़ावा दिया.

कर्मचारियों के वेतन पर नकारात्मक असर:

सिएमियातकोव्स्की ने यह भी कहा कि कर्मचारियों के वेतन पर इसका नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा. वास्तव में, उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में कमी आएगी, वेतन की कुल लागत में कमी आएगी, और इस बचत को उन कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि में बदला जा सकता है, जो कंपनी में बने रहते हैं.

यह खबर एक ऐसे समय में आई है जब दुनिया भर में AI के काम के बारे में चर्चा हो रहा है. McKinsey & Company की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, जैसे-जैसे AI डेवलप होगा, 2030 तक लाखों कर्मचारियों को नए कामों में ट्रांजिशन करना पड़ सकता है. Klarna का यह कदम यह दिखाता है कि AI वर्कस्पेस को किस तरह से एडवांस बनाता है. 

कंपनी का वेबसाइट अभी भी कुछ जॉब ओपनिंग्स दिखा रहा है, लेकिन बताया जा रहा है कि यह केवल जरूरी बताया कि वे केवल जरूरी रोल्स के लिए ही हैं, खासकर इंजीनियरिंग में. इसका मतलब यह है कि तकनीकी कंपनियां धीरे-धीरे अपनी वर्कफोर्स की रणनीतियों को बदल रही हैं, क्योंकि AI उनके ऑपरेशन को आसान बना रहा है.