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हाथों से नहीं दिमाग से कंट्रोल कर पाएंगे फोन! एलन मस्क दे रहे सुनहरा मौका

Neuralink Chip Testing: अगर आप फोन को दिमाग से कंट्रोल करना चाहते हैं तो यहां हम आपको एलन मस्क के नए प्लान के बारे में बता रहे हैं. चलिए जानते हैं इसके बारे में. 

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Edited By: India Daily Live
Neuralink

Neuralink Chip Testing: जरा सोचिए, अगर आप अपना फोन दिमाग से कंट्रोल पाए तो क्या होगा? आपको लग रहा है कि ऐसा कैसे हो सकता है. तो बता दें कि एलन मस्क की न्यूरालिंक कंपनी अपने टेलीपैथी साइबरनेटिक ब्रेन इम्प्लांट की टेस्टिंग के लिए एक नए यूजर की तलाश में है. यह यूजर्स को अपने फोन और कंप्यूटर को पूरी तरह से अपने दिमाग से कंट्रोल करने में मदद करेगा. इस प्रोग्राम के लिए न्यूरालिंक ने दिव्यवांग व्यक्तियों के लिए एप्लीकेशन ओपन किए हैं. इसके लिए आधिकारिक न्यूरालिंक वेबसाइट के जरिए आवेदन किया जा सकता है. 

जो लोग इसके लिए आवेदन करना चाहते हैं वो Patient Registry सेक्शन पर जा सकते हैं. इसके बाद Application पर क्लिक करें. हालांकि, यह ध्यान रखना अहम है कि सभी एप्लीकेशन्स में से कुछ ही उम्मीदवारों पर विचार किया जाएगा. बता दें कि यह एप्लीकेशन खासतौर से संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के लोगों के लिए ओपन है. 

मस्क ने घोषणा कर बताया है, "न्यूरालिंक दूसरे पार्टिसिपेंट्स के लिए आवेदन स्वीकार कर रहा ह. यह हमारा टेलीपैथी साइबरनेटिक ब्रेन इम्प्लांट है जो आपको सिर्फ सोचने से अपने फोन और कंप्यूटर को कंट्रोल करने की अनुमति देता है." इस साल की शुरुआत में, नोलैंड आर्बॉघ के दिमाग में न्यूरालिंक की ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस चिप लगाई गई थी. बता दें कि 8 साल पहले एक गोताखोरी दुर्घटना के बाद वो पैरालाइज्ड हो गए थे. इस चिप का इस्तेमाल कर उन्होंने अपने दिमाग से कंप्यूटर कर्सर को कंट्रोल किया और सिविलाइजेशन VI और मारियो कार्ट जैसे गेम खेले.

न्यूरालिंक की ब्रेन चिप से ह्यूमन लाइफ बेहतर हो सकती है. यह चिप उन लोगों के लिए बेहतर साबित होगी जो देख नहीं पाते हैं या फिर पैरालिसिस के शिकार हैं. इस चिप का नाम Link रखा गया है. एलन मस्क ने इससे पहले कहा था कि इस चिप के जरिए व्यक्ति केवल सोचकर ही फोन और कंप्यूटर को कंट्रोल कर पाएगा.