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NavIC चिप सिस्टम से रास्ता खोजना होगा और आसान, DRDO ने स्पेशल चिप बनाने के लिए इस कंपनी को किया हायर

NavIC नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल अब बढ़ने वाला है. इसके लिए DRDO ने बेंगलुरू की एक कंपनी से एक स्पेशल रिसीवर चिप बनाने के लिए कहा है. DRDO ने इस कंपनी को हायर किया है जिसके साथ डायरेक्शन और मैपिंग को बेहतर किया जा सकेगा. 

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Edited By: India Daily Live
Navic
Courtesy: Social Media

NavIC Chip Development: हाल ही में Ola Cabs ने अपना इन-हाउस ऑनलाइन मैप्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. इसे Ola Maps का नाम दिया गया है. कंपनी ने कहा है कि वो पहले हर साल 100 करोड़ रुपये खर्च करते थे 0 करने के लिए Ola Maps ले आया गया है. इस मैप में NavIC नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है. इसे और आगे ले जाने के लिए डिफेंस रिसर्च और डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने एक स्पेशल रिसीवर चिप बनाने के लिए बेंगलुरु की एक कंपनी को हायर किया है. 

यह चिप भारतीय सैटेलाइट का इस्तेमाल कर सही समय और लोकेशन की जानकारी देगा. बता दें कि यह सैटेलाइट NavIC का हिस्सा हैं जिसे इसरो ने बताया है. NavIC को रोड, रेल और एयर स्पेस से डायरेक्शन और मैपिंग के लिए डिजाइन किया गया है. इसके जरिए रास्ते खोजना बेहद आसान हो गया है. 

भारतीय सैटेलाइट का होगा इस्तेमाल: 

अभी भी कई लोग ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) पर निर्भर हैं, जो अमेरिकी सैटेलाइट्स का इस्तेमाल करता है. NavIC का उद्देश्य भारतीय सैटेलाइट का इस्तेमाल कर एक जैसी सर्विस उपलब्ध कराना है. DRDO और इसरो के सूत्रों ने बताया, इसरो ने पहले ही IRNSS सैटेलाइट बना लिए हैं और NavIC को सभी के लिए उपलब्ध कराने पर काम चल रहा है. 

इस बीच, DRDO एक स्पेशल रिसीवर चिप डेवलप करने पर काम कर रहा है. यह IRNSS नेटवर्क टाइमिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर सही समय की जानकारी देगा. DRDO ने बेंग्लुरू आधारित कंपनी एकॉर्ड सॉफ्टवेयर और सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को हायर किया है जो NavIC के लिए एक कस्टमाइज और फ्लैक्सिबल सिस्टम बनाएगा. ASSPL के सूत्रों ने बताया कि वो डिफेंस और कमर्शियल इस्तेमाल के लिए भारत में बना रिसीवर बना रहे हैं.  

क्या नाविक सिस्टम आने से भारत को बल मिलेगा:

  • NavIC के साथ, भारत के पास अपना खुद का सैटेलाइट आधारित नेविगेशन सिस्टम होगा. इससे अमेरिकी GPS जैसे विदेशी सिस्टम पर हमारी निर्भरता कम हो जाएगी. यह नेशनल सिक्योरिटी और डिफेंस के लिए जरूरी है. 

  • NavIC को भारतीय क्षेत्र के हिासब से ज्यादा सही जानकारी उपलब्ध कराने के लिए डिजाइन किया गया है. इससे ट्रांसपोर्टेशन, एग्रीकल्चर और डिजास्टर मैनेजमेंट जैसे सेक्टर्स को बेनिफिट मिलेगा. 

  • डॉमेस्टिक नेविगेशन सिस्टम लोकल इंडस्ट्री और इनोवेशन को बढ़ावा दे सकता है. NavIC के लिए भारतीय कंपनियां कई टेक्नोलॉजी और एप्लीकेशन्स पर काम कर रही हैं. 

  • आम आदमी के लिए NavIC सिस्टम कई सर्विसेज में सुधार करेगा. इसमें ट्रांसपोर्टेशन के लिए बेहतर प्लानिंग, वेदर फोरकास्ट और बेहतर मोबाइल ऐप्स शामिल हैं.