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India Daily

हवाई यात्रा के लिए करते हैं DigiYatra का इस्तेमाल तो पकड़ी जाएगी टैक्स चोरी? आखिर क्या है वायरल दावे की सच्चाई

DigiYatra: रिपोर्ट में यह कहा गया कि जो यात्रा ज्यादा हवाई यात्रा करते हैं और उनकी इनकम दिए गए डाटा से मैच नहीं करती तो उन पर कार्रवाई की जाएगी.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
DigiYatra IT department now has your entire details know truth
Courtesy: Social Media

DigiYatra : अगर हवाई यात्रा के लिए आप डिगी यात्रा का इस्तेमाल करते हैं और टैक्स चोरी करते हैं तो यह खबर आपके लिए हैं. दरअसल, अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने डिगीयात्रा पर एक लेख छापकर यह दावा किया था कि अब सरकार डिगीयात्रा से डाटा लेकर टैक्स चोरी करने वालों पर नकेल कसेगी. लेकिन द इंडियन एक्सप्रेस के इन दावों को डिगीयात्रा के सीईओ सुरेश खड़कभावी ने खारिज करते हुए इस खबर को पूरी तरह से गलत बताया. 

अब आपके मन में एक सवाल यह भी उठा होगा कि आखिर डिगीयात्रा क्या हैं? दरअसल, यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म जिसके जरिए एयरपोर्ट पर आसानी से चेकइन और चेकआउट किया जा सकता है. इसे साल 2022 में लॉन्च किया गया था. एयरपोर्ट पर समय बचाने और आसानी से चेकइन और चेकआउट करने के लिए डिगीयात्रा का इस्तेमाल किया जाता है. 

DigiYatra के CEO ने रिपोर्ट को बताया फेक

डिगीयात्रा का इस्तेमाल करने के लिए पैसेंजर्स को बॉयोमेट्रिक डाटा, आईडी डाक्यूमेंट्स और ट्रेवल डिटेल्स शेयर करनी पड़ता है. द इंडियन एक्सप्रेस ने इन्हीं रिपोर्ट्स को लेकर एक रिपोर्ट छापते हुए ये दावा किया भारत सरकार का इनकम टैक्स डिपार्टमेंट डिगीयात्रा का इस्तेमाल करने वाले पैसेंजर्स का डाटा एकत्रित करके टैक्स चोरी करने वालों लोगों की डिटेल निकालने का काम कर रहा है. 

DigiYatra के CEO सुरेश खड़कभवी ने इन आरोपों को खारिज किया है. उनका कहना है कि DigiYatra किसी भी व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी (PII) को किसी केंद्रीय डाटाबेस में स्टोर नहीं करता है. इसके बजाय, यह डेटा यात्रियों के डिवाइस पर स्थानीय रूप से स्टोर किया जाता है, जो Self-Sovereign Identity (SSI) फ्रेमवर्क के तहत किया जाता है. इस प्रणाली के जरिए यात्रियों का डेटा सुरक्षित रहता है और यह सुनिश्चित करता है कि कोई बाहरी एजेंसी या सरकारी संस्था इस डेटा तक पहुंच न सके.

DigiYatras CEO, Suresh Khadakbhav
DigiYatras CEO, Suresh Khadakbhav

यह विवाद एक बार फिर से भारत में डेटा सुरक्षा और निगरानी पर व्यापक बहस को हवा दे रहा है. कुछ लोगों ने DigiYatra की तुलना पूर्व के उपायों जैसे नोटबंदी से की है. उनका कहना है कि सरकार छोटे अपराधियों पर ध्यान केंद्रित करती है, जबकि बड़े पैमाने पर किए गए भ्रष्टाचार और लोन फ्रॉड पर कोई ध्यान नहीं देती. उनका यह भी कहना था कि सरकार ब्लैक मनी के वास्तविक स्रोतों को नजरअंदाज करती है, जो आमतौर पर बड़े सरकारी अनुबंधों के जरिए उत्पन्न होते हैं.